



लखनऊ। Quality of Antibiotics: बीते दिनों मध्य प्रदेश के छिंदवाडा और राजस्थान में कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के बाद अब लोग हर दवा को संदेह की नजर से देख रहे हैं। लोगों को दवा खरीदने में भी डर लगा रहा है। उन्हें डर है कि जो दवा वे खुद को ठीक करने के लिए ले रहे हैं, कहीं वहीं उनके और उनके परिवार के लिए काल न बन जाए। इसी बीच यूपी की राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की गई एंटीबायोटिक दवा की गुणवत्ता को लेकर भी कुछ गंभीर शिकायतें मिल रही है। आइये आपको बताते हैं कौन सी है वह एंटीबायोटिक दवा और किस तरह शिकायतें मिल रही हैं।
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अगस्त 2027 है एक्सपायरी डेट
इस दवा का नाम सिप्रोफ्लॉक्सिन 500 एमजी टैबलेट है। बताया जा रहा है कि इस दवा में इतनी नमी कि इसका रैपर खोलते ही ये चूर-चूर हो जा रही है, जिससे इसकी गुणवत्ता और प्रभावशीलता पर संदेह होने लगा है। डॉक्टर्स का कहना है कि अस्पतालों में इस दवा की सप्लाई मेडिकल कॉर्पोरेशन के माध्यम से की गई थी, जिस दवा की खेप की शिकायत मिल रही है उसका बैच नंबर CPT 24076 है। हालांकि, इस एंटीबायोटिक दवा की एक्सपायरी डेट अगस्त 2027 बताई जा रही है।
रैपर खोलते ही बन जा रही पाउडर
शिकायतकर्ताओं का ये भी कहना है कि, इस बार सिविल अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में इसी बैच की, जो सिप्रोफ्लॉक्सिन 500 एमजी टैबलेट सप्लाई की गई है, उसका आकार और बनावट भी अलग है। मरीजों का भी कहना है कि, जैसे ही उन्होंने इस दवा का रैपर खोला तो वह चूर-चूर हो गई। इसकी जानकारी जब उन्होंने फार्मासिस्ट को दी तो उसने कहा- इस दवा को लेकर पिछले कई दिनों से शिकायतें आ रही हैं।
लैब में कराई जाएगी दवा की जांच

खैर शिकायत मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि दवा की जांच लैब में कराई जाएगी, ताकि इसकी क्वालिटी का पता लगाया जा सके। यदि दवा में नमी या कोई खामी है, तो इसकी पूरी खेप वापस की जाएगी और नई दवा मंगवाई जाएगी, लेकिन अगर दवा बनाने वाली कंपनी की तरफ से मुनाफा कमाने के लिए मरीजों की सेहत के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ किया गया है, तो कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया जायेगा।
पहले भी मिल चुकी है शिकायत
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि ऐसा पहली बार नही हुआ है, जब सरकारी सप्लाई की दवाओं में शिकायत मिल रही है। पहले भी कई दवाओं में शिकायत मिल चुकी है। जैसे कि बीपी की दवा टेल्मीसार्टन 40 एमजी और अमलोडिपिन में नमी और खराबी की शिकायतें मिली थी, तब इन दोनों दवाओं की खेप ड्रग कॉर्पोरेशन को वापस करके नई दवाएं मंगाई गई थीं।
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