



बांग्लादेश। Bangladesh Crisis: बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में हिंदू समुदाय के खिलाफ शुरू हुई हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अब यहां के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय का अपहरण कर उन्हें बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया है। इस घटना ने भारत-बांग्लादेश के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है। भारत ने हत्या की कड़ी निंदा की है और इसे बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ “व्यवस्थित उत्पीड़न” का हिस्सा करार दिया।
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घर से किया अगवा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस हमले की तीखी शब्दों में निंदा करते हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से सभी अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि, 58 वर्षीय भाबेश चंद्र रॉय बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष और दिनाजपुर के बासुदेवपुर गांव में हिंदू समुदाय के एक प्रभावशाली व्यक्ति थे। घटना की जानकारी देते हुए स्थानीय मीडिया और पुलिस ने बताया कि, रॉय को गुरुवार शाम करीब 4:30 बजे एक फोन आया, जिसके बारे में उनकी पत्नी शांतना रॉय ने आशंका जाहिर की है कि, फोन अपहरणकर्ताओं द्वारा ये कन्फर्म करने के लिए किया गया था कि वे घर में मौजूद है या नहीं। फोन कॉल के करीब 30 मिनट बाद दो बाइक से चार लोग उनके घर पहुंचे और उन्हें जबरन अगवा कर लिया।
We have noted with distress the abduction and brutal killing of Shri Bhabesh Chandra Roy, a Hindu minority leader in Bangladesh.
This killing follows a pattern of systematic persecution of Hindu minorities under the interim government even as the perpetrators of previous such…— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) April 19, 2025
बेहोशी हालत में छोड़ा घर के बाहर
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि, रॉय को अपहरणकर्ता नरबारी गांव ले गये जहां उन्हें बेरहमी से पीटा गया। इसके बाद उसी रात हमलावरों ने उनके बेहोश शरीर को उनके घर के पास एक वैन में छोड़ दिया। जब परिजनों के पता चला, तो वे उन्हें लेकर तुरंत बिराल उपजिला स्वास्थ्य परिसर और बाद में दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद रॉय के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना को लेकर, बिराल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अब्दुस सबुर ने कहा, मामला दर्ज करने और संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
विदेश मंत्रालय में जताया दुःख
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और कहा, ये बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रहे उत्पीड़न का हिस्सा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “हम बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या पर गहरा दुख व्यक्त करते हैं। यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का हिस्सा है, जबकि अतीत में ऐसी घटनाओं के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं।”
भारत ने युनुस सरकार को याद दिलाई जिम्मेदारी
जायसवाल ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को “बहाने या भेदभाव किए बिना” सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी जिम्मेदारी की याद दिलाई। साथ ही भारत ने ये भी स्पष्ट किया कि, पश्चिम बंगाल में हिंसा पर बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणियों का कोई आधार नहीं है। यह घटना बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों का सिलसिला है।
शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बढ़े हमले
बता दें कि, अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार के गिरने और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से ये घटनायें विशेष रूप से बढ़ गई हैं। ढाका स्थित मानवाधिकार संगठन ‘ऐन ओ सलिश केंद्र’ (ASK) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने हिंदुओं के घरों, मंदिरों और व्यवसायों पर 147 हमले दर्ज किए गए, जिनमें 408 घरों को नुकसान पहुंचाना, आगजनी की 36 घटनाएं, 113 हिंदू-स्वामित्व वाले व्यवसायों पर हमले और 92 मंदिरों में मूर्ति तोड़ना शामिल है।
पीएम मोदी भी उठा चुके हैं मुद्दा
बांग्लादेश के प्रोथोम आलो अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से देश में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ गए हैं, जिसमें घरों, व्यवसायों और पूजा स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। भारत ने इन अत्याचारों पर बार-बार चिंता जताई है और वहां की अंतरिम सरकार से बिना भेदभाव के कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान यूनुस के साथ बैठक में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया।
कांग्रेस ने भारत सरकार पर बोला हमला
इधर, कांग्रेस ने हिंदू नेता रॉय की हत्या की निंदा की और इसे बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के बीच बढ़ती असुरक्षा का मामला बताया। पार्टी नेता जयराम रमेश ने भारत सरकार से इस मामले को तुरंत उठाने और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर पारदर्शी जांच करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का दबाव बनाने का आग्रह किया। रॉय की हत्या ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भारत-बांग्लादेश संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हिंदू समुदाय के नेताओं ने पहले यूनुस सरकार से सुरक्षा की मांग की थी और कुछ स्थानीय मुस्लिम समूहों ने हिंदू मंदिरों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। हालांकि, हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
कूटनीतिक संबधों पर पड़ा असर
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अब अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है। भारत ने साफ कर दिया है कि, वह इस मुद्दे पर चुप नहीं रहने वाला और इसका हर मोर्चे पर विरोध करेगा। भारत ने उम्मीद जताई है कि, बांग्लादेश अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। इस घटना ने न केवल बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को उजागर किया है, बल्कि इससे क्षेत्रीय स्थिरता और कूटनीतिक संबंध भी प्रभावित होंगे।