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United Nations: इस बड़े मुस्लिम देश ने की इजराइल की वकालत, कहा- ‘यहूदियों को मिली चाहिए सुरक्षा’

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इजराइल। United Nations: 14 मई 1948 को दुनिया के नक्शे में जन्म यहूदी देश इजराइल को आज भी अपने अस्तित्व के लिए हर वक्त लड़ाई लड़ना पड़ रहा है। चारों तरफ से मुस्लिम देशों से घिरे इजराइल पर फिलिस्तीन का आतंकी संगठन हमास आये दिन हमला करता रहता था, जिसका इजराइल मुंह तोड़ जवाब भी देता था। कुछ ऐसा ही उसने आज से दो साल पहले सात अक्टूबर 2023 को भी किया था। इसके बाद इजराइल ने हमास को पूरी तरह से खत्म करने की कसम खा ली और तबसे वह लगातार गाजा पट्टी पर बम बरसा रहा है।  नतीजा ये है कि गाजा अब पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है और हमास के सभी बड़े लीडर अल्लाह को प्यारे हो चुके हैं।

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दो साल से गाजा पर हमला कर रहा इजराइल

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गौरतलब है कि, सात अक्टूबर 2023 को तड़के ही हमास ने इजराइल पर हमला किया था और हजारों यहूदियों की हत्या कर दी थी, जिसमें कई नवजात भी शामिल थे। वहीं दो सौ से अधिक इजरालियों को बंधक बनाकर गाजा पट्टी लेकर चले आये थे। इस हमले का बदला लेने के लिए इजराइल ने हमास पर हमला किया और ये लड़ाई आज भी जारी है। इजराइल, बीते दो साल से लगातार गाजा पर हमला कर रहा है, जिससे गाजा पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गया है और यहां के लाखों लोग अब विस्थापन का जीवन जी रहे हैं।

शांति चाहिए, तो देनी होगी सुरक्षा की गारंटी

इजराइल के इस हमले से दुनिया के तमाम मुस्लिम देश उससे नाराज हैं और हर अंतर्राष्ट्रीय बैठक में उसकी कड़ी निंदा करते हैं, लेकिन अब एक बड़े मुस्लिम देश  ने इजराइल की तरफदारी की है और उसे सुरक्षा देने की बात की है। ये देश है इंडोनेशिया। जी हां इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली में दिए गये 19 मिनट के भाषण में कहा,  दुनिया के सभी देशों को इजराइल के सुरक्षा के अधिकार का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर दुनिया में शांति स्थापित करना है, तो हमें इजराइल को स्वीकार करना चाहिए और उसको सुरक्षा की गारंटी भी देनी चाहिए।

20 हजार सैनिक इजराइल भेजने को तैयार 

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इण्डोनेशियाई राष्ट्रपति ने अपनी स्पीच के आखिर में यहूदी शब्द शलोम का इस्तेमाल किया। बता दें कि, यहूदी इस शब्द का इस्तेमाल एक-दूसरे से मिलते हुए या अलग हुए करते हैं। प्रबोवो ने आगे कहा, इजराइल एक बार फिलिस्तीन को देश के तौर पर मान्यता दे दे तो, वह भी तुरंत इजराइल को मान्यता दे देंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा- हम अपने 20 हजार सैनिक इजराइल भेजने को तैयार हैं।  इजराइल ही नहीं बल्कि यूक्रेन, सीरिया और लीबिया को भी जरूरत हो तो हम अपने शांति सैनिक भेजने को तैयार हैं। प्रबोवो ने कहा इंडोनेशिया चाहता है कि दुनिया में शांति स्थापित हो।  ताकत से सब कुछ हासिल नहीं हो सकता है।

मानव परिवार की तरह रहे सभी धर्म के लोग

उन्होंने कहा, हम संयुक्त राष्ट्र पर भरोसा करते हैं, कि जहां भी शांति की जरूरत होगी हम वहां उसके लिए काम करेंगे और हमारा काम कगाज पर नहीं बल्कि जमीन पर भी दिखेगा। उन्होंने कहा, सिक्योरिटी काउंसिल जब भी कहेगी इंडोनेशिया गाजा में शांति बहाल करने के लिए अपने 20 हजार बेटे-बेटियों को भेजने के लिए तैयार है। इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने आगे कहा, हिंदू, मुस्लिम, यहूदी, बौद्ध और ईसाई सभी धर्मों के लोगों को मानव परिवार की तरह रहना चाहिए। आखिर में प्रबोबो ने संस्कृत में कहा ‘ओम शांति शांति, शांति ओम’। इसके साथ ही उन्होंने यहूदी और अन्य धर्मों से जुड़े कुछ शब्द भी बोले।

 

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