



नई दिल्ली। India-Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। सरकार अब ऐसा इंतजाम करने की कोशिश में है कि भारत की सुई भी पाकिस्तान तक न पहुंचे। वह तीसरे देशों से पाकिस्तान भेजे जा रहे भारतीय सामानों की जानकारी जुटा रही है। सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि, कितने भारतीय सामान दूसरे देशों के जरिए पाकिस्तान भेजे जा रहे हैं।
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पाकिस्तान ने बंद किया हवाई क्षेत्र
सूत्रों के मुताबिक सरकार ऐसा इसलिए कर रही है, ताकि इस तरह के व्यापार को रोका जा सके। पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद सरकार सामान भेजने के दूसरे तरीकों पर भी विचार कर रही है। मध्य पूर्व के देशों में फल, फूल और सब्जियां जैसे सामान हवाई रास्ते से भेजे जाते हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह कदम उठाया गया है। इसमें 26 लोग मारे गए थे। सरकार कस्टम, निर्यात संवर्धन परिषदों और अन्य विभागों से निर्यात के आंकड़े जुटा रही है। थिंक टैंक जीटीआरआई के मुताबिक भारत से हर साल 10 अरब डॉलर से ज्यादा का सामान दुबई, सिंगापुर और कोलंबो जैसे बंदरगाहों के जरिए पाकिस्तान पहुंच रहा है।
भारत उठा रहा कड़े कदम
यह व्यापार प्रतिबंधों को दरकिनार कर किया जा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार लगभग पूरी तरह बंद हो गया है। सरकार यह पता लगाने के लिए आंकड़े जुटा रही है कि तीसरे देशों के जरिए पाकिस्तान को कितनी भारतीय वस्तुएं भेजी जा रही हैं। पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद यह कदम उठाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यापार मार्गों का दुरुपयोग न हो और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा की जा सके। साथ ही पाकिस्तान को भारत से कोई आर्थिक लाभ लेने से रोका जा सके।
बंद है भारत-पाकिस्तान व्यापार
सरकार हवाई मार्ग से माल भेजने के वैकल्पिक मार्ग खोजने के लिए उद्योग जगत के साथ मिलकर काम कर रही है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने कई कदम उठाए हैं। इसके बाद पाकिस्तान के साथ व्यापार लगभग बंद हो गया है। सूत्रों ने बताया कि सरकार हवाई मार्ग से माल भेजने के दूसरे रास्ते खोजने के लिए उद्योग जगत के साथ मिलकर काम कर रही है। पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, जिसकी वजह से यह कदम उठाना पड़ रहा है।
हवाई मार्ग से भेजे जाते हैं फल और सब्जियां
मध्य पूर्व के देशों में आमतौर पर फल, फूल और सब्जियां जैसी वस्तुएं हवाई मार्ग से भेजी जाती हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार सीमा शुल्क, निर्यात संवर्धन परिषदों और अन्य विभागों से निर्यात के आंकड़े जुटा रही है। जीटीआरआई के अनुसार, दुबई, सिंगापुर और कोलंबो जैसे बंदरगाहों के ज़रिए हर साल 10 अरब डॉलर से ज़्यादा का भारतीय सामान पाकिस्तान पहुंच रहा है। थिंक टैंक के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय कंपनियां इन बंदरगाहों पर सामान भेजती हैं, जहां एक स्वतंत्र कंपनी सामान उतारती है और उसे बॉन्डेड वेयरहाउस में रखती है। बॉन्डेड वेयरहाउस में सामान को बिना शुल्क चुकाए ट्रांजिट में रखा जा सकता है।
लेबल बदल कर पाकिस्तान भेजा जाता है माल
श्रीवास्तव ने बताया कि, बॉन्डेड वेयरहाउस में लेबल और दस्तावेज बदलकर माल के मूल देश का नाम बदल दिया जाता है। उदाहरण के लिए भारत में बने माल पर ‘मेड इन यूएई’ का लेबल लगाया जा सकता है। इसके बाद इसे पाकिस्तान जैसे देशों में भेज दिया जाता है, जहां भारत के साथ सीधे व्यापार पर रोक है। उन्होंने बताया कि इस तरीके से कंपनियों को भारत-पाकिस्तान व्यापार प्रतिबंधों को दरकिनार करने, तीसरे देशों के जरिए माल बेचकर ऊंची कीमत वसूलने और जांच से बचने में मदद मिलती है। वजह यह है कि व्यापार दूसरे देशों से आता हुआ प्रतीत होता है।
अटारी बॉर्डर भी है बंद
एक सूत्र ने बताया कि सरकार ऑनलाइन माध्यम से पाकिस्तान को होने वाले निर्यात की भी जांच कर रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच जमीनी रास्ते बंद होने के बाद व्यापार लगभग पूरी तरह बंद हो गया है। 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों द्वारा उठाए गए कदमों के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार पहले से ही कम था। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने अटारी चेकपॉइंट को तुरंत बंद करने समेत कई कदम उठाए। इस चेकपॉइंट का इस्तेमाल कुछ तरह के सामानों की आवाजाही के लिए होता था। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी भारत के साथ किसी तीसरे देश के जरिए होने वाले व्यापार समेत सभी व्यापार को तत्काल निलंबित करने की घोषणा की।

इस कदम से अफगानिस्तान को भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है। अप्रैल-जनवरी 2024-25 में पाकिस्तान को भारत का निर्यात 447.65 मिलियन डॉलर था, जबकि आयात केवल 0.42 मिलियन डॉलर था। 2023-24 में निर्यात और आयात 1.18 बिलियन डॉलर और 2.88 मिलियन डॉलर थे। 2022-23 और 2021-22 में भारत ने 627.1 मिलियन डॉलर और 513.82 मिलियन डॉलर मूल्य का सामान निर्यात किया।