



मेरठ। Meerut University: मेरठ का चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला एमए राजनीति विज्ञान के दूसरे सेमेस्टर के एक सवाल से जुड़ा है, जिसने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। छात्रों को दो सवालों प्रश्न संख्या 87 और 93 पर आपत्ति थी। सोशल मीडिया पर इन सवालों की कड़ी आलोचना हो रही है।
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RSS को जोड़ा गया आतंकी संगठनों से
दरअसल, परीक्षा के प्रश्नपत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को नक्सलियों और आतंकवादी संगठनों से जोड़ा गया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्रों ने पेपर में पूछे गए सवाल पर आपत्ति जताई और विश्वविद्यालय के फैकल्टी से बात की। हालांकि, पहले छात्रों को गेट बंद कर रजिस्ट्रार कार्यालय में घुसने से रोक दिया गया इस पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी भी की। बाद में छात्रों और रजिस्ट्रार समेत अन्य अधिकारियों के बीच वार्ता हुई।
पेपर में पूछे गये सवाल पर खड़ा हुआ विवाद
बताया जा रहा है कि, एमए के राजनीति विज्ञान के पेपर में एक सवाल था- ‘निम्न में से किसे परमाणु समूह नहीं माना जाता है?’ इसके जवाब में चार विकल्प दिए गए थे- नक्सली समूह, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, दल खालसा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। जैसे ही यह सवाल पेपर से निकला, सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। इसे देखकर लोग भड़क गए और सवाल उठाने लगे कि, एक राष्ट्रवादी संगठन को आतंकवादी या चरमपंथी संगठनों के साथ क्यों रखा गया। विवाद बढ़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन तुरंत हरकत में आया और इस सवाल को तैयार करने वाली प्रोफेसर सीमा पंवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
प्रोफेसर के खिलाफ हुई कार्रवाई
सीमा पंवार मेरठ कॉलेज में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर हैं और मशहूर कवि हरिओम पंवार के भाई की पत्नी बताई जाती हैं। विश्वविद्यालय ने उन्हें परीक्षा और मूल्यांकन के काम से हटा दिया है यानी अब वह न तो पेपर तैयार कर पाएंगी और न ही इससे जुड़े किसी काम में हिस्सा ले पाएंगी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार धीरेंद्र वर्मा ने बताया कि, प्रोफेसर ने अपनी गलती मान ली है और लिखित में माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि, अगर उनके सवाल से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो वह इसके लिए माफी मांगती हैं।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
सोशल मीडिया पर भी इस मामले पर खूब बहस हो रही है। लोग पूछ रहे हैं कि, आखिर यूनिवर्सिटी में ऐसे सवाल क्यों बनाए गए। कई लोगों का कहना है कि, हो सकता है कि किसी खास इरादे से ऐसा किया गया हो। वहीं, कुछ लोग इसे लापरवाही मान रहे हैं। विवाद को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने पूरे मामले की जांच शुरू करने का ऐलान किया है। रजिस्ट्रार ने भरोसा दिलाया है कि भविष्य में ऐसी गलतियां न हों, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
प्रोफेसर ने दी सफाई
प्रोफेसर सीमा पंवार ने सफाई देते हुए कहा कि, उन्होंने कोर्स के हिसाब से ही पेपर बनाया था, लेकिन विवाद के बाद उन्होंने माफी मांग ली है। उन्होंने माफी मांगते हुए लिखा है कि, अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो वह इसके लिए माफी मांगती हैं। फिलहाल यह मामला गरमाया हुआ है और लोग इस पर अपनी राय दे रहे हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन अब इस बात को लेकर सतर्क हो गया है कि, आगे से सवाल तैयार करने में पूरी सावधानी बरती जाए।
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