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बीते कुछ वर्षों से सर्दी के सीजन की शुरुआत सामान्य महीनों की तुलना में देरी से शुरू होती आई है, लेकिन इस बार बन रही मौसम की परिस्थितियों के चलते सर्दी की आमद जल्द होने वाली है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक जिस तरीके से ला नीनो ने अपनी उपस्थिति के 90 दिनों के बाद सक्रियता दिखानी शुरू की है उससे ऐसे ही हालात बन रहे हैं। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि इस बार मानसून की विदाई अपने वक्त से तकरीबन दो सप्ताह बाद हो सकती है। इसी के साथ सर्दी की आहट भी बीते कुछ वर्षों की तुलना में पहले आने का पूरा अनुमान है। फिलहाल मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की माने तो जाते हुए मानसून की अभी भी सक्रियता बनी हुई है। यह सक्रियता सितंबर के अंत तक चलने वाली है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार ला नीनो की सक्रियता का असर न सिर्फ मानसून पर पड़ रहा है बल्कि इसके बाद आने वाली सर्दी के सीजन पर भी इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में एनवायरमेंटल साइंस के प्रवक्ता डॉ एके सिंह कहते हैं कि एल नीनो के असर के बाद ला नीनो की सक्रियता में तकरीबन साठ से 90 दिन का वक्त लगता है। उनका कहना है कि यह 90 दिन का वक्त जुलाई के अंत से अगस्तकी शुरुआत में पूरा हो चुका है। यही वजह है कि मानसून की विदाई के कुछ वक्त पहले से इसकी सक्रियता बढ़ गई है। बीते एक सप्ताह से उत्तर भारत समेत मध्य भारत और पश्चिमी उत्तर भारत के हिस्सों में जिस तरीके से बारिश हो रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानसून की सक्रियता कितनी ज्यादा है। वह कहते हैं कि अनुमान यही लगाया जा रहा है कि ला नीनो की सक्रियता के चलते इस बार सर्दी की आमद भी पहले हो जाएगी और उसका स्पेल भी लंबा होगा।
मौसम विभाग की मुताबिक बीते सोमवार से जिस तरीके से मानसून की सक्रियता बनी हुई है वह इस सप्ताह भी बनी रहेगी। मौसम विभाग के प्रवक्ता डॉ राजेंद्र कहते हैं कि जिस तरीके की परिस्थितियां बन रही है उससे इस हफ्ते के अंत तक देश के अलग-अलग हिस्सों में खासतौर से उत्तर भारत और मध्य भारत समेत उत्तर पश्चिम के हिस्सों में बारिश होती रहेगी। मौसम विभाग के मुताबिक अगले पांच दिनों के भीतर देश की राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर और पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश समेत उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में बारिश होगी। इन इलाकों में लगातार कम दबाव का क्षेत्र बनता जा रहा है। जिसके चलते बारिश कहीं तेज तो कहीं छिटपुट तरीके से लगातार होती जा रही है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक फिलहाल सितंबर के अंत तक हवाओं में कम दबाव का असर देश के अलग-अलग हिस्सों में बना रह सकता है। जिसके चलते मानसून की विदाई भी देर से होने की संभावनाएं बन रही हैं।और सितंबर के अंत से लेकर अक्टूबर के शुरुआत तक बारिशों का दौर बना रह सकता है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ आलोक सिंह कहते हैं कि जिस तरीके की परिस्थितियां अभी बन रही है उसे अनुमान लगाया जा रहा है कि सर्दियों का सीजन इस बार अक्टूबर से लेकर जनवरी तक का रहेगा। डॉक्टर सिंह कहते हैं कि सर्दियों का सीजन तो यही होता था लेकिन बीते कुछ वर्षों में क्लाइमेट चेंज के चलते सर्दियों के सीजन में तापमान बहुत ज्यादा दिनों के लिए नीचे नहीं गिरता था। अमूमन दिसंबर और जनवरी के महीने में ही तापमान में गिरावट दर्ज की जाती रही है। लेकिन इस बार ला नीनो की सक्रियता के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि सर्दी के सीजन की आमद अक्टूबर से शुरू हो सकती है। चूंकि ला नीनो का इफेक्ट लंबे समय तक बना रहेगा इसलिए 4 महीनो की सर्दी के पूरे सीजन में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।
इसके अलावा अनुमान इस बात का भी लगाया जा रहा है कि पहाड़ों पर इस बार बर्फबारी भी ला नीनो के इफेक्ट के चलते ज्यादा हो सकती है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि अभी सर्दी को लेकर उनका कोई स्पष्ट आंकलन नहीं किया जा रहा है। मौसम विभाग के प्रवक्ता डॉ राजेंद्र कहते हैं उनका विभाग फिलहाल अगले 10 दिनों के मौसम की अपडेट दे रहा है। हालांकि आने वाले सीजन को लेकर विभाग की अपनी ऑब्जरवेशन हैं। लेकिन अभी विभाग की ओर से सर्दियों को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की जा रही है।