वाराणसी। अगर आप भी बाजार से लहसुन (Garlic ) खरीद कर खाते हैं तो सतर्क हो जाइये। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के कई जिलों में चीन से लाया हुआ खतरनाक लहसुन बिक रहा है। चाइना के इस लहसुन में हानिकारक केमिकल मिलाये गये हैं जिससे ये देखने में एकदम सफेद, साफ और चमकदार लगता है। पूर्वांचल के बाजारों में ये बेहद सस्ते दामों में बिक रहा है। यहां रोजाना 10 टन से अधिक लहसुन की खपत हो रही है। ये केमिकल युक्त लहसुन नेपाल के रास्ते ट्रेनों और सड़क मार्ग से चीन से लाया जा रहा है।
देशी लहसुन से सस्ता है
जानकारी के मुताबिक पूर्वांचल के पहाड़िया मंडी से लेकर यहां की विभिन्न बाजारों में चीन का लहसुन धड़ल्ले से बिक रहा है। यहां के व्यापारी इस चीनी लहसुन को 60 रूपये प्रति किलो के रेट पर खरीद कर 260 रूपये किलो के हिसाब से बेंच रहे हैं। ये लहसुन देशी लहसुन से 50 रूपये सस्ता मिल रहा है। यही वजह है कि लोग इसे खरीद रहे हैं।
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नेपाल के रास्ते हो रही तस्करी
नेपाल के रास्ते लाये जाने वाले इस लहसुन की तस्करी पीडीडीयूनगर स्टेशन से होकर आने वाली सीमांचल एक्सप्रेस की जा रही है। इसके बाद मालवाहक वाहनों से गाजीपुर, चंदौली, पीडीडीयूनगर, पड़ाव रामनगर समेत तय स्थानों तक इसे पहुंचाया जा रहा है। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक इस लहसुन के बारे में जानकर भी खाद्य सुरक्षा विभाग अंजान बना हुआ है। वह इसे बेंचने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा है। हालांकि कस्टम विभाग की ओर से चीन के लहसुन पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उसे अभी इसमें सफलता नहीं मिली है।
व्यापारी बोले- लगना चाहिए प्रतिबन्ध
पूर्वांचल के विशेश्वरगंज, खोजवां, पांडेयपुर, कचहरी, चेतगंज, सिगरा और सुंदरपुर क्षेत्र में चीनी लहसुन की बिक्री खुलेआम हो रही है। शहर में रोजाना 20 से 25 क्विंटल चीन के लहसुन की खपत है। यह लहसुन थोक में 50 से 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है तो वहीं फुटकर में 260 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेंचा जा रहा है। बता दें कि देसी लहसुन का भाव इस समय 280 से 300 रुपये किलो है। चीनी लहसुन के बारे में बात करते हुए सब्जी फल व्यापारी आढ़ती समूह के सदस्यों का कहना है कि चीन के लहसुन पर रोक लगनी चाहिए, चोरी छिपे चीन के लहसुन का कारोबार करने वाले व्यापारियों के लाइसेंस रद्द किये जाने चाहिए। यह लहसुन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और प्रतिबंधित है।
ऐसे बनता है चाइनीज लहसुन
बता दें कि चाइनीज लहसुन को बनाने में कई तरह के कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें सिंथेटिक प्रोसेस का इस्तेमाल होता है। यही कारण है कि ये एकदम सफेद, साफ और चमकदार होता है। इसे काटने पर इसमें गंध बेहद कम होती है जबकि देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए हुए होता है और इसमें गंध थोड़ी ज्यादा होती है। देसी लहसुन की अपेक्षा चीनी लहसुन के अधिक सस्ता होने की वजह से ज्यादातर होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट संचालक इसी का इस्तेमाल कर रहे हैं। विशेश्वरगंज मंडी के एक व्यापारी ने बताया कि चीन का लहसुन सस्ता होने से इसकी मांग भी अधिक है।
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