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Manipur Violence: नहीं बुझ रही मणिपुर की आग, महिला का रेप कर जिन्दा फूंका, उग्रवादियों ने जलाए 17 घर

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Manipur Violence

मणिपुर। मणिपुर (Manipur Violence) के जिरीबाम जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां गुरुवार 16 नवंबर की रात 31 साल की एक आदिवासी महिला के साथ रेप कर उसे जिंदा जला दिया गया। इस दौरान कथित तौर पर हथियारबंद हमलावरों ने गांव में फायरिंग करते हुए लूटपाट की और फिर यहां के 17 घरों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस के मुताबिक, पीड़िता के साथ पहले सामूहिक दुष्कर्म किया गया, इसके बाद उसे आग में जिन्दा ही झोंक दिया गया।

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 पति ने दर्ज कराई FIR

इस मामले को लेकर दर्ज की गई एफ़आईआर में पुलिस ने नस्लीय और सामाजिक आधार पर रेप और हत्या का उल्लेख किया है। पीड़िता के पति ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि ये अपराध अवैध घुसपैठियों ने किया है। हालांकि अभी तक आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अपराधी मणिपुर के स्थानीय इलाके के भी हो सकते हैं।

जान बचाने के लिए जंगल में भागे ग्रामीण

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इंडिजिनस ट्राइबल एडवोकेसी कमेटी (आईटीएसी) ने एक बयान जारी कर कहा कि हमलावरों ने गांव में घुसते ही फायरिंग करते हुए कई घरों को आग के हवाले कर दिया। इस हमले से भयभीत ग्रामीण जान बचाने के लिए जंगल में भाग गए, लेकिन महिला फंस गई, जिसकी हमलावरों में बेरहमी से हत्या कर दी। इस दौरान उसे साथ सामूहिक रेप भी हुआ। ये घटना मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष की एक भयावाह घटना है।

राज्य में है उथल-पुथल का माहौल

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बता दें कि मणिपुर में चल रहा जातीय संघर्ष राज्य में विभाजन की वजह बन चुका है। यहां मैतेई बहुसंख्यक और कुकी आदिवासी समुदाय के बीच काफी समय से संघर्ष चल रहा है। नतीजतन राज्य में हिंसा का माहौल है। इस संघर्ष में अब तक 230 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं 50 हजार से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। इस संघर्ष की वजह से राज्य में उथल पुथल मची है।

गृह मंत्रालय ने शुरू की थी बातचीत 

घटना के बाद, आदिवासी संगठनों जैसे- कुकी, ज़ूमी और हमार समुदाय ने केंद्र सरकार से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है। यहां चुराचांदपुर के आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने भी इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने मणिपुर में हिंसा पर बातचीत शुरू की थी, लेकिन हालात संभलने की बजाय बिगड़ते जा रहे हैं।

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