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नोएडा में भी हुई सीलिंग की कार्रवाई
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270 एकड़ में फैला है सहारा शहर
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1995 में 30 साल की लीज पर दिया गया था भूखंड
लखनऊ। Sahara City Sealed: कभी लखनऊ की शानो शौकत में शामिल सुब्रत राय के सहारा शहर पर नगर निगम ने कब्जा कर लिया है और उसे सील कर दिया है। सीलिंग की ये कार्रवाई 6 सितंबर 2025 को की गई। एक समय था जब ये स्थान बालीवुड सितारों, क्रिकेटर्स और राजनेताओं से गुलजार हुआ करता था, लेकिन चिटफंड मामले में सुब्रत राय की गिरफ्तारी के बाद से इसके दिन ढलने लगे थे और आज आलम है कि, इसे सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है। सहारा शहर के साथ ही नोएडा स्थित सुमित राय के दफ्तर को भी सील कर दिया गया है। सुमित राय सहारा इंडिया चिटफंड और सहारा टीवी शो के सीओ हैं।
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सुब्रत राय का हो चुका है निधन
सूबे की राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके में 270 एकड़ में फैले सहारा शहर को बसाने वाले सुब्रत राय का निधन 14 नबंवर 2023 को हुआ था। इससे पहले से ही सहारा परिवार की माली हालत खस्ता हो गई थी। कंपनी के खिलाफ ढेरों मुकदमे दर्ज हो गये थे। सहारा चिटफंड पर निवेशकों का करोड़ों रूपये बकाया हैं, जिसे लेकर सुब्रत राय को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। वैसे तो सुब्रत राय का भरा पूरा परिवार है, लेकिन सब विदेश में हैं। यहां तक की उनके अंतिम संस्कार में भी परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था।
शांतिपूर्ण तरीके से हुई कार्रवाई
सीलिंग की इस कार्रवाई के दौरान परिसर के छह गेटों, ‘जिसमें सुब्रत राय के शाही निवास, लग्जरी गेस्टहाउस, हेलीपैड, पेट्रोल पंप, थिएटर और सभागार शामिल हैं’ पर सरकारी ताला जड़ दिया गया है। इसके साथ ही सूचना के तौर पर परिसर के अंदर और बाहर नोटिस बोर्ड भी लगाये गये हैं, जिसमें स्पष्ट बताया गया है कि, ये स्थान अब एलएमसी के कब्जे में है। सीलिंग की इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान मौजूद रहे हैं, जिससे सबकुछ बेहद शांति पूर्ण तरीके से निपट गया।
कुछ लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
हालांकि, जोनल अधिकारी का कहना है कि कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें समझा बुझाकर शांत कर दिया गया। इससे पहले 27 और 28 सितंबर को एलएमसी की संपत्ति विभाग की टीम ने यहां प्रतीकात्मक कब्जा किया था और यहां रह रहे सहारा इंडिया परिवार के कर्मचारियों को अपने व्यक्तिगत सामान निकालने की अनुमति दी गई थी।
मुलायम सिंह के शासन में दी गई थी लीज
बता दें कि, साल 1995 में जब प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी तब गोमती नगर के विपुल खंड क्षेत्र में स्थित इस सहारा इंडिया कमर्शियल लिमिटेड को 30 वर्ष कि लीज पर ये भूखंड दिया गया थे। अब इसकी लीज समाप्त हो गई है और अब इसे सरकार ने वापस अपने कब्जे में ले लिया है। सीलिंग की कार्रवाई को लेकर लखनऊ नगर निगम का कहना है कि, लीज समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया गया है, जिसे लेकर नगर निगम को कई शिकायतें मिली थीं। इसके बाद एक समिति ने दस्तावेजों और अदालती मामलों की समीक्षा की और उसी के आधार पर ये कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है।
170 एकड़ की संपत्ति पर नगर निगम का कब्जा
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि, नगर आयुक्त के निर्देश पर जोनल अधिकारी संजय यादव, संपत्ति प्रभारी रामेश्वर प्रसाद और एमसी तहसीलदार ने यह अभियान चलाया। जोनल अधिकारी संजय यादव ने बताया कि, “सीलिंग की कार्रवाई से पहले तक केवल सहारा इंडिया के कर्मचारी ही यहां रहते थे, लेकिन अब सभी ने परिसर को खाली कर दिया है।” एलएमसी ने बयान जारी कर कहा, “पूरे 170 एकड़ की संपत्ति अब नगर निगम का पूर्ण कब्जा है।
यही हुई थी सुब्रत राय के बेटों की शादी
गौरतलब है कि, एक समय था जब सहारा शहर का राजनीति से लेकर कार्पोरेट और बॉलीवुड जगत तक में जलवा था। इसकी गिनती भारत के सबसे एलिट क्लबों में होती थी, यहां फ़िल्मी सितारों, खिलाड़ियों, राजनेताओं और बिजनेस जगत की हस्तियों का जमावड़ा लगता था। यहां भव्य कार्यक्रम आयोजित किये जाते थे, जिसमें शिरकत करने वाले मेहमानों को बैटरी से चलने वाली गाड़ियों में घुमाया जाता था। साल 2004 में सुब्रत राय के दोनों बेटों सुशातो और सीमांतो का शादी समारोह भी इसी परिसर में हुआ था।
2014 में अरेस्ट हुए थे सुब्रत राय
इस समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुलायम सिंह यादव, अभिनेता अमिताभ बच्चन और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों ने शिरकत कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई थी। कहा तो ये भी जाता है कि, सुबत राय से मिलने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी यहां आये थे, लेकिन साल 2014 में सेबी की कार्रवाई के बाद हुई सुब्रत राय की गिरफ्तारी के साथ ही सहारा इंडिया परिवार के बुरे दौर शुरू हो गये। निवेशकों का पैसा न लौटा पाने की वजह से कंपनी पर कई मुकदमे चलने लगे।
हालात इतने बदतर हो गये कि कंपनी अपने ही कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ होने लगी। हाल ही में सहारा इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में संपत्तियां बेचने की अनुमति मांगी थी, जिसमें सहारा शहर भी शामिल था, लेकिन एलएमसी ने दखल देकर लीज की प्रकृति का हवाला देते हुए इस पर कब्जा कर लिया। खैर अब सहारा शहर पर लखनऊ नगर निगम का कब्जा है।
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