कभी आउटडेटेड नहीं होते निंदा और निंदक
अजय कुमार तिवारी निंदा और निंदक कभी आउटडेटेड नहीं होते हैं ,उनका धंधा हमेशा जोरों पर रहता है। रामायण, महाभारत काल में निंदा प्रासंगिक थी जो आज भी कायम है। मंथरा, शकुनि अपनी इसी काबलियत पर खेल खेला करते थे। वर्तमान में यह वॉट्सऐप और फेसबुक के माध्यम से जीवित है। इसमें वॉट्सऐप का स्टेटस … Read more