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सावधान! कहीं स्किन कैंसर की वजह से तो नहीं पड़ रहे हैं शरीर पर रैशेज

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Skin cancer,

कैंसर एक बेहद खतरनाक बीमारी है। अगर समय रहते इसका पता चला जाता है तो जान बच जाती है, लेकिन अगर जरा स भी देरी हुई तो जान जाना तय है। स्किन कैंसर (Skin cancer) भी कुछ ऐसा ही है। इसका भी अगर समय से इलाज शुरू हो जाता है तो इसके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। स्किन कैंसर तब होता है जब आपकी त्वचा की सेल्स के बढ़ने के तरीके में कुछ खास तरह के बदलाव होता है।

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ये हैं शुरुआती लक्षण

त्वचा रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि स्किन के पराबैगनी किरणों के संपर्क में अधिक रहने से स्किन कैंसर होता है। इसके शुरूआती लक्षणों में त्वचा पर नए उभार या पैच, त्वचा की वृद्धि के आकार, आकार या रंग में कई तरह के बदलाव हैं। अगर समय रहते इसका पता चला जाता है तो इसका इलाज संभव है। इसके इलाज में मोहस सर्जरी, क्रायोथेरेपी, कीमोथेरेपी आदि शामिल है।

गोरे लोगों को ज्यादा खतरा 

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जो लोग घंटों खेत में मजदूरी करते हैं, धूप में रह कर माली और बिल्डिंग में काम करते हैं, उन्हें गैर-मेलेनोमा त्वचा कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। गोरे लोगों को स्किन कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है क्योंकि क्योंकि उनमें मेलेनिन कम होता है। साथ ही उनकी त्वचा धूप के संपर्क में आते ही झुलसने लगती है। इस के अलावा जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री रही है उन लोगों को त्वचा कैंसर का खतरा काफी अधिक होता है।

जेनेटिक भी होता है

डॉक्टर्स कहते हैं जिनके बाल लाल या हल्के रंग के होते हैं उन्हें भी त्वचा कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है। जिनकी आंखों का रंग हल्का होता हैं उन्हें भी सन लैंप या टैनिंग बेड का खतरा काफी ज्यादा रहता है। वहीं कुछ लोगों में ये बीमारियां जेनेटिक होती हैं।

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