



संभल। Sambhal Violence: संभल जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले को लेकर दर्ज हुई एफआईआर में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एफआईआर में बताया गया है कि शुक्रवार को नखासा चौराहे पर करीब 150 से 200 लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई और अचानक से पुलिस पर हमला कर दिया। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, दहशत का माहौल बनाया। भीड़ ने वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों की जान लेने की नियत से ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे चलाये।
इसे भी पढ़ें-Sambhal violence: राहुल ने BJP को ठहराया जिम्मेदार, कहा- ‘पक्षपात का नतीजा है संभल हिंसा’
सामने आई एफआईआर की कॉपी
बता दें कि संभल हिंसा पर एफआईआर की कॉपी सामने आई है, जिसमें हिंसा को लेकर सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। एफआईआर में मुख्य आरोपी के रूप में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क का नाम दर्ज है। दूसरे आरोपी के रूप में सपा विधायक के बेटे सुहैल इकबाल का नाम अंकित है। इन दोनों के अलावा 2750 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने हिंसा के सात मामले दर्ज किये हैं। अब हिंसा में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। अब तक 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल हैं। वहीं एक दर्जन से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गये हैं।
बिना इजाजत जामा मस्जिद गये थे सपा संसद
एक और एफआईआर की कॉपी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने राजनीतिक फायदे के लिए भीड़ को उकसाया था और सांप्रदायिक माहौल खराब किया। हिंसा से दो दिन पहले सपा सांसद जियाउर्रहमान बाग बिना सरकारी इजाजत के जामा मस्जिद भी गए थे। एफआईआर के मुताबिक, 24 नवंबर को अदालत के आदेश पर संभल की जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था, तभी मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गये और बावल करने लगे। हालांकि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ नहीं मानी और सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की।
उपद्रवियों के लूटे बुलेट और आंसू गैस के गोले
रविवार सुबह करीब पौने नौ बजे भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। उसी दौरान कुछ बदमाशों ने सब-इंस्पेक्टर संजीव कुमार की 9 एमएम पिस्टल की मैगजीन छीन ली। भीड़ ने रबर बुलेट, ब्लैंक कारतूस, प्लास्टिक पैलेट लूटने के साथ ही जवानों के साथ मारपीट की और उन्हें जान से मारने की कोशिश की। एफआईआर के मुताबिक भीड़ ने पुलिस के पास मौजदू आंसू गैस के गोले भी लूट लिए। साजिश के तहत पुलिस पर पथराव किया गया और भीड़ से ही पुलिस पर फायरिंग भी की गई।
इसे भी पढ़ें- Sambhal violence: एक अफवाह से भड़की आग ने जला दिया पूरा संभल, शहर में पसरा सन्नाटा
भीड़ में शामिल था सपा विधायक का बेटा
एफआईआर में बताया गया है कि 24 नवंबर को जामा मस्जिद में चल रहे सर्वे की प्रक्रिया बाधित करने आई भीड़ में सपा विधायक का बेटा सुहैल इकबाल भी शामिल था। सुहैल ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ हैं, हम तुम्हारे साथ हैं, आपको कुछ नहीं होने देंगे तुम जो करने आये हो उसे करो, जब भीड़ ने यह सुना तो वह और भी उग्र हो गई। इसी बीच भीड़ से आवाज आयी सर्वे नहीं होने देंगे। एफआईआर में कहा गया है कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए भीड़ को उकसाया गया था।
सीसी टीवी कैमरों को किया क्षतिग्रस्त
एफआईआर के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली कि जामा मस्जिद में सर्वे के विरोध में नाखासा चौराहे पर भीड़ जमा हो रही है। उपनिरीक्षक निशांत मलिक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इसी बीच दोपहर करीब 12:35 बजे कुछ लोगों ने पुलिस अधिकारियों पर हमला कर दिया और सीसीटीवी कैमरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। एफआईआर में कहा गया है कि भीड़ अपने साथ लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर लेकर आई थी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर जान से मारने की नियत से हमला किया। एक सरकारी लेपर्ड बाइक (अपाचे #UP38AG0168) और एक निजी बुलेट बाइक (UP38M8166) को आग के हवाले कर दिया गया।
पिस्टल छीनने की कोशिश
एफआईआर के मुताबिक, दंगे के दौरान पुलिस से पिस्तौल छीनने की भी कोशिश की गई। सब-इंस्पेक्टर निशांत मलिक ने पिस्टल पकड़कर बचा ली, लेकिन पिस्टल की मैगजीन और अंदर रखी 9 एमएम की दस गोलियां उपद्रवी छीन ले गये एफआईआर में ये भी लिखा गया है कि, भीड़ से चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं कि इन पुलिसकर्मियों के हथियार और गोला-बारूद छीन लो, आग लगा दो, कोई भी बचकर भागने न पाए, मस्जिद का सर्वे नहीं होने देंगे।
इसे भी पढ़ें- तौकीर रजा ने फिर दिया भड़काऊ बयान, कहा- ‘अंदर भर रहा है ज्वालामुखी, फट जायेगा’