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भारत के इस कदम से तिलमिलाया चीन, अरुणाचल प्रदेश की एक चोटी पर ठोंक दिया दावा

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बीजिंग। साल 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से भारत और चीन (China) के बीच गतिरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों के बीच अक्सर किसी न किसी वजह से तनाव हो ही जाता है। अब एक बार फिर ये दोनों देश अरुणाचल प्रदेश को लेकर आमने-सामने आ गये हैं। दरअसल, भारत में अरुणाचल प्रदेश की एक चोटी का नाम तिब्बत के छठे दलाई लामा के नाम पर रखने का निर्णय लिया है, जिससे चीन भड़क गया है। उसने इस चोटी पर अपना दावा ठोंक दिया है।

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भारत में छठे दलाई लामा त्सांगयांग के नाम पर रखा सबसे ऊंची चोटी का नाम

बताया जा रहा है कि भारत के राष्ट्रीय पर्वतारोहण एवं साहसिक खेल संस्थान (NIMS) की एक टीम ने अरुणाचल प्रदेश की 20,942 फुट एक ऐसी चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की, जिस पर अभी तक कोई नहीं चढ़ा है और इस चोटी  का कोई नाम भी नहीं है। ऐसे में अब भारत में इस चोटी का नाम तिब्बत के छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखने का फैसला किया है। भारत का ये फैसला चीन को नागवार गुजरा और उसने इस बात का विरोध करते हुए इस चोटी को चीन का हिस्सा बता दिया।चीन ने अरुणाचल प्रदेश  कोअपने क्षेत्र जांगनान का हिस्सा बताया। इसी के चलते अब एक बार फिर से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।

रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करता है एनआईएमएस 

बता दें कि एनआईएमएस रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और इसका कार्यालय अरुणाचल प्रदेश के दिरांग में स्थित है। चोटी का नाम रखने को लेकर रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि चोटी का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखना उनकी बुद्धिमत्ता और उनके योगदान के प्रति एक श्रद्धांजलि है। रिलीज में ये भी बताया गया है कि छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो का जन्म 1682 में मोन तवांग क्षेत्र में हुआ था।

चीन ने जताया विरोध

अब इस मामले अपना विरोध जताते हुए  चीन ने इसे गलत ठहराया और कहा अरुणाचल प्रदेश उसके देश के जांगनान क्षेत्र का हिस्सा है। वहीं एक सवांददाता सम्मेलन में जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान से इस बारे में सवाल किए गए तो उन्होंने कहा, ‘‘आपने जो कहा, उसकी मुझे जानकारी नहीं है, मुझे व्यापक रूप से यह कहना चाहिए कि जांगनान का क्षेत्र चीनी क्षेत्र है और भारत के लिए चीनी क्षेत्र में तथाकथित अरुणाचल प्रदेश स्थापित करना अवैध और अमान्य है।

अरसे से चल रहा है विवाद

गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन के बीच सालों से विवाद चल रहा है। एक तरफ जहां चीन अरुणाचल प्रदेश को जांगनान कहता है तो वहीं भारत  इसे अपने देश का अटूट हिस्सा मनाता है। भारत अरुणाचल प्रदेश को लेकर किये जा रहे सभी दावों को हमेशा से ख़ारिज करता आ रहा है।

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