



नई दिल्ली। अमेरिका में नये राष्ट्रपति का चयन हो गया है। यहां डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को दोबारा से अमेरिका का जिम्मा मिला है। जी हां डोनाल्ड ट्रंप अब अमेरिका के राष्ट्रपति बन गये हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अब भारत व अमेरिका के संबंध और मजबूत होंगे। साथ ही भारत के लिए और नये अवसर खुलेंगे। हालांकि, अगर आयात और H1B वीजा नियमों पर अंकुश लगाने का फैसला हुआ तो फार्मास्यूटिकल्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) जैसे कुछ क्षेत्रों में भारत को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बुधवार 6 नवंबर को डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद एक तरफ जहां भारत में ख़ुशी दिखी तो वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों ने कई ऐसे दावे कर दिए हैं जिससे परिस्थितियां भयावह हो सकती है। हालांकि एशियाई देशों के लिए कुछ सकारात्मक संभावनाएं भी दिख रही हैं।
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भारत के लिए खुलेंगे नये अवसर
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की दोस्ती का भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, भारत को आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग बनाए रखने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार 6 नवंबर डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद कहा, “डोनाल्ड ट्रम्प का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए एक नया अवसर हो सकता है। उन्होंने कहा, ट्रंप उन देशों पर शुल्क और आयात प्रतिबंध लगाएंगे जिनके बारे में उन्हें लगता है कि वे अमेरिका के अनुकूल नहीं हैं। इनमें सबसे पहले स्थान पर है चीन। इसके अलावा कुछ यूरोपीय देश भी है जिन पर ट्रंप सख्ती बरत सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो ये भारत के सुअवसर होगा। दरअसल, इससे भारतीय निर्यात के लिए बाजार खुल सकते हैं।
चीन पर पड़ सकता है दबाव
बुधवार को जारी बार्कलेज शोध रिपोर्ट में कहा गया कि, जब एशिया में व्यापार नीति की बात आती है तो ट्रम्प सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हो सकते हैं। बार्कलेज ने कहा है, “हमारा अनुमान है कि डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ प्रस्तावों से चीन की जीडीपी में दो प्रतिशत की कटौती होगी और क्षेत्र की बाकी खुली अर्थव्यवस्थाओं पर अच्छा खासा दबाव डालेंगे।”
भारत में बड़ा निवेश कर सकती हैं अमेरिकी कंपनियां
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, भारत, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसी अर्थव्यवस्थाएं, जो घरेलू बाजार पर बहुत अधिक निर्भर हैं, टैरिफ वृद्धि के प्रति कम संवेदनशील होंगी। राजीव कुमार की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप भारत को एक मित्र देश के रूप में देखेंगे और उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिकी कंपनियों से भारत में बड़े निवेश की उम्मीद है।
भारत में निर्यात पर पड़ सकता है नकारात्मक प्रभाव
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, डोनाल्ड ट्रम्प की जीत भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत ही सकारात्मक साबित होगी। ट्रंप की जीत और अमेरिकी भारत सबंधों को लेकर मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक एन आर भानुमूर्ति का कहना है कि, ”मुझे संदेह है कि डोनाल्ड ट्रंप भारतीय उत्पादों पर शुल्क लगाएंगे क्योंकि अमेरिका की चिंता भारत नहीं, बल्कि चीन है। वहीं दूसरी तरफ कुछ अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प के व्यापार संरक्षणवादी विचार भारत के निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
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