



नई दिल्ली। त्योहारों का सीजन खत्म हो गया है। इसके साथ ही सोने और चांदी की कीमतों (Gold-Silver Rate) में भी गिरावट शुरू हो गई थी। इन महंगी धातुओं के गिरते दामों की वजह से जिन परिवारों में शादियां होनी थीं, वहां खुशी का माहौल था। वहीं दूसरी तरफ सर्राफा कारोबारी भी खुश थे कि सोने-चांदी के दामों में आ रही गिरावट से अब इसकी बिक्री में भी बढ़ोतरी होगी। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। एक तरफ रूस और अमेरिका के रुख ने झटका दिया है तो वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन से आई खबरों के कारण सोने की कीमतों ने 180 डिग्री तक का यू-टर्न ले लिया है। ऐसे में भारतीय कारोबारी और सोना खरीदने वालों में निराशा देखने की मिल रही है।
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अचानक उछले सोने-चांदी के दाम
दरअसल, सोने और चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार से तय होती हैं। दिवाली से पहले देश में सोना (24 कैरेट) भारतीय बाजार में अपने उच्चतम भाव 82,000 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया था, लेकिन अमेरिकी चुनाव नतीजों ने बाजार का रुख बदल दिया। इसके चलते चांदी और सोने की कीमतों में भी गिरावट शुरू हो गई। ऐसे में सोने के बाजार को दिसंबर के बाद नए साल में कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद बनने लगी थी। खरीदार भी संतुष्ट दिख रहे थे, लेकिन पिछले चार दिनों से सोने-चांदी के दामों में अचानक से तेजी आने लगी है। 22 नवंबर को, 24 कैरेट सोने की कीमत 77 हजार 406 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है। 21 नवंबर की तुलना में आज सोने की कीमत में 474 रुपये की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
सुरक्षित निवेश माना जाता है सोना
इंडियन बुलियन एसोसिएशन के तमाम पदाधिकारियों का कहना है कि संकट के समय सोना सुरक्षित निवेश माना जाता है। अर्थव्यवस्था में संकट या अनिश्चितता के दौरान भारत और विदेशों में निवेशक सोने में अपना निवेश बढ़ा देते हैं। ऐसे में इसकी कीमतों में इजाफा होने लगता है। इसका असर चांदी की कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है।
ट्रंप की जीत से बनी थी उम्मीद
जैसे ही अमेरिकी चुनाव परिणाम घोषित हुए, भारत सहित वैश्विक बाजारों को उम्मीद थी कि नए राष्ट्रपति ट्रम्प दुनिया के कई देशों में चल रहे युद्ध को समाप्त कराने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएंगे। यही वजह थी कि सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आने लगी थी, लेकिन 18 नवंबर के बाद, इज़राइल और हिजबुल्लाह के बीच और रूस और यूक्रेन के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया।
युद्ध खत्म कराने की दिशा में अहम कदम उठा सकते हैं ट्रंप
बाद में, अमेरिकी सरकार ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति भी दे दी। परिणामस्वरूप, बाज़ार की स्थितियां बदल गई हैं। हालांकि, नए साल में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आने की संभावना काफी ज्यादा है क्योंकि 20 जनवरी के बाद ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन की जगह ले लेंगे। माना जा रहा है कि वे युद्ध पर मौजूदा रुख के उलट निर्णय लेकर लड़ाई खत्म कराने की दिशा में अहम कदम उठा सकते हैं।
9.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत बढ़ी
हालांकि, चांदी की कीमतें गुरुवार को 93 हजार रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रहीं। 99.9 फीसदी शुद्ध सोने के अलावा 99.5 फीसदी शुद्ध सोने की कीमत में आज 1,400 रुपये का जोरदार उछाल आया। इसके बाद कीमत 78,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। बुधवार को 99.5 फीसदी शुद्ध सोना गिरकर 77,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिका था।
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