



अयोध्या। Ramayana Fair In Ayodhya: रामनगरी में चार दिवसीय रामायण मेले का उद्घाटन सीएम योग आदित्यनाथ ने किया। पांच से आठ दिसंबर तक सरयू तट पर रामकथा पार्क में गीत, संगीत और अध्यात्म की त्रिवेणी प्रवाहमान होगी। मुख्यमंत्री आज सुबह ही अयोध्या पहुंचे और कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने हनुमानगढ़ी और रामलला के दरबार में भी दर्शन किये। सीएम के जानकी महल ट्रस्ट में आयोजित विवाह समारोह में भी सम्मिलित होने की उम्मीद है।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या सनातन धर्म की पावन पूरी में से प्रथम पुरी है। अयोध्या ने हजारों वर्षों से मानवता का मार्ग प्रशस्त किया है। अयोध्या एक ऐसी भूमि है जहां कोई भी युद्ध करने का साहस नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि 500 साल के संघर्ष के बाद पिछले साल जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने रामलला को पुनः स्थापित किया था। प्रधानमंत्री ने अयोध्या के नागरिकों के प्रति अपना स्नेह व्यक्त किया था। अयोध्या ने उनके साथ न्याय नहीं किया, लेकिन श्री राम ने हर तरह का संरक्षण दिया।
श्री अयोध्या धाम में ’43वें रामायण मेला’ के शुभारंभ कार्यक्रम में… https://t.co/qre1AJcs8r
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 5, 2024
1982 में हुई थी रामायण मेले की शुरुआत
उन्होंने कहा कि अयोध्या सांस्कृतिक रूप से विश्व में उन्नत है। लोग एक घंटे तक टीवी के सामने बैठकर रामायण सीरियल देखते थे। डॉ. लोहिया ने देश में रामायण उत्सव कार्यक्रम चलाया था, जिनके मन में राम और जानकी के लिए श्रद्धा नहीं है उन्हें त्याग देना चाहिए। सीएम ने कहा, डॉ. लोहिया राजनीति में आदर्शवादी थे जबकि उनके आदर्शों पर चलने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी परिवारवादी है। अपराधी गुंडों के संरक्षण के बिना यह उसी तरह तड़पते हैं, जैसे पानी के बिना मछली तड़पती है। लोहिया के नाम पर राजनीति करेंगे लेकिन उनके आदर्श नहीं मानते हैं।
20 से अधिक कलाकार देंगे प्रस्तुति
रामायण प्रदर्शनी समिति के संयोजक आशीष मिश्रा ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी रामायण प्रदर्शनी में न सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम होंगे बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम होगा। रामायण प्रदर्शनी में चार दिनों तक कथा, प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक गीत, नृत्य प्रदर्शन आदि की प्रस्तुति होगी। संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न जिलों के 20 से अधिक कलाकार व्याख्यान देंगे। इसके अलावा चार दिनों तक अलग-अलग कथावाचकों द्वारा रामकथा कही जाएगी।
संकट आने पर भाग जाएंगे
सीएम ने कहा, याद कीजिये 500 साल पहले अयोध्या कुंभ के बाबर की सेना ने क्या किया था? इस समय संभल में भी वही हो रहा है। बांग्लादेश में भी वही हो रहा है। तीनों की प्रकृति और डीएनए एक ही है। यदि कोई मानता है कि बांग्लादेश में ऐसा हो रहा है, तो वही तत्व संभल में भी बवाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक एकता को तोड़ने के लिए उन्होंने कई इंतजाम किये हैं। ये बातें करने वाले कुछ लोग ऐसे हैं, जिनकी विदेशों में संपत्ति है। अगर यहां कोई संकट आता है, तो वे भाग जाएंगे और दूसरों को मरने के लिए यहीं छोड़ देंगे।
तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र ने किया था रामायण मेले का उद्घाटन
महान समाजवादी चिंतक डा. राम मनोहर लोहिया की संकल्पना के अनुरूप पहले चित्रकूट और फिर अयोध्या में रामायण मेले की शुरुआत हुई थी। कांग्रेस शासन के दौरान 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र ने अयोध्या में पहले रामायण मेले का उद्घाटन किया था। इसके लिए रामायण मेला समिति को व्यवस्था और संतों के प्रवचन आदि के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तब से सांस्कृतिक विभाग ने औपचारिक रूप से अपने संसाधनों का उपयोग करके रामलीलाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी संभाल ली है।
रामायण मेले के कार्यक्रम
5 दिसंबर
रामलीला – हरे रामदास, अयोध्या (श्री जानकी आदर्श रामलीला मंडल, अयोध्या)
पखावजी द्वारा प्रस्तुत – विजय रामदास, अयोध्या
राम लाल नेहछू गीत – शाम्भवी शुक्ला, प्रयागराज
बाजन गीत – विजय अग्निहोत्री, लखनऊ
6 दिसंबर
रामलीला- हरे रामदास, अयोध्या (श्री जानकी आदर्श रामलीला मंडल, अयोध्या)
अवधी लोक गायन – संजोली पांडे, अयोध्या
अवधी लोक गीत एवं नृत्य नाटिका – क्षमा वर्मा, अयोध्या
7 दिसंबर
भजन गीत – वीरेन्द्र सिंघल, झाँसी
रामलीला – मनीष दास अयोध्या (अवध आदर्श रामलीला मंडल, अयोध्या)
पखौजी द्वारा प्रस्तुत – राजीव रंजन पांडे, अयोध्या
लोकगीत- जानवी पांडे, अम्बेडकर नगर
भजन/लोकगीत- यामिनी पांडे, लखनऊ
8 दिसंबर
रामलीला-मनीष दास अयोध्या (अवध आदर्श रामलीला मंडल, अयोध्या)
भजन एवं लोक गायन – कल्पना एस वर्मन, अयोध्या
जादू – राजेश श्रीवास्तव,अमेठी
नृत्य नाटिका – संगीता आहूजा, अयोध्या
भजन गायन-मगन मिश्र, लखनऊ
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