



Pakistan-Afghanistan Tension: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है। अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हवाई हमलों के बाद काबुल ने पाकिस्तान को अपनी संप्रभुता का सम्मान रखने की चेतावनी दी है। इस बीच, अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के करीबी सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) अफगान हवाई क्षेत्र में जासूसी कर रही है।
इसे भी पढ़ें- India-Taliban Relation: मजबूत हो रहे भारत-अफगानिस्तान के संबंध, बढ़ सकती है पाकिस्तान की मुश्किल
एयर ट्रैफिक कंट्रोल में की घुसपैठ
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई के एजेंट बताए जा रहे सा-आदत मोहम्मद ने अफगानिस्तान के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम में घुसपैठ की है। मोहम्मद ने यूएई की कंपनी जीएएसी के सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश की। ये कंपनी अफगानिस्तान में चार प्रमुख हवाई अड्डों का संचालन करती है। इसके अलावा उसने तालिबान के आंतरिक मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के भीतर मुखबिरों और सहयोगियों का एक नेटवर्क बनाया है जो उसे मार्गों और उड़ानों जैसी संवेदनशील उपलब्ध कराते हैं।
अफगानिस्तान में ISI की मौजूदगी
ऐसा अनुमान है कि काबुल में पाकिस्तानी दूतावास में 150 से अधिक आईएसआई एजेंट हैं। अमरुल्ला सालेह और अफगानिस्तान ग्रीन ट्रेंड (एजीटी) का दावा है कि 2024 में काबुल में भारतीय राजनयिकों की तैनाती के बाद से पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अपनी खुफिया एजेंसी की ताकत को डबल कर दिया है। यह भी कहा जा रहा है कि कई आईएसआई एजेंट तालिबानी सरकार और वहां के नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के सीधे संपर्क में हैं।
खोस्त हवाई अड्डे पर जासूसी
सा-अदत मोहम्मद ने फरवरी 2024 में खोस्त प्रांत में हवाई अड्डे के प्रबंधन के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए तालिबान के साथ बातचीत की थी। हालांकि, तालिबान ने इस तरह के समझौते में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। बाद में, एक गुप्त समझौते में मोहम्मद ने खोस्त हवाई अड्डे पर विशेषज्ञों को नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा ताकि उड़ान विवरण और अन्य गतिविधियों की जानकारी सीक्रेट रूप से आईएसआई तक पहुंचाई जा सके।
दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ने की संभावना
पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के साथ ही आईएसआई की ख़ुफ़िया गतिविधियां क्षेत्र में स्थिरता के बारे में गंभीर चिंता पैदा कर हैं। अफगानिस्तान में पाकिस्तानी खुफिया जासूसी से दोनों देशों के रिश्ते खराब हो सकते हैं, जिससे दक्षिण एशिया में तनाव और बढ़ने की आशंका है।
इसे भी पढ़ें- Pakistan-Taliban War: अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर किया हमला, फिर गरमाया डूरंड रेखा का मुद्दा