



Trump-Zelensky Clash: रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराकर विश्व में शांति लाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है। मिनरल डील करने और ट्रंप के मनाने अमेरिका पहुंचे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में डोनाल्ड ट्रंप से तीखी बहस हो गई। इसके बाद जेलेंस्की व्हाइट हाउस छोड़कर होटल चले गये और वहां से वे सीधे ब्रिटेन रवाना हो गये। अब वे ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर द्वारा लंदन में यूक्रेन पर आयोजित एक समिट में शामिल होंगे। उधर ट्रंप फ्लोरिडा के पाम बीच इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से सीधे अपने आवास मार-ए-लागो चले गये।
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ट्रंप-जेलेंस्की में हुई तीखी नोक झोंक
बता दें कि इस समय पूरी दुनिया की नजर अमेरिका, रूस और यूक्रेन पर है। ट्रंप ने अमेरिका की सत्ता संभालते ही ऐलान कर दिया था कि वे रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करायेंगे। इसके लिए बीते दिनों सऊदी अरब में अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों समेत दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई थी। वहीं, अब जेलेंस्की अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन वहां प्रेस वार्ता के दौरान ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी नोक झोंक हो गई जिसे पूरी दुनिया ने देखा।
मिनरल डील के लिए अमेरिका पहुंचे थे जेलेंस्की
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिनरल डील करने अमेरिका पहुंचे जेलेंस्की का स्वागत करने ट्रंप खुद गेट तक आये थे, जिसकी कुछ खुशनुमा तस्वीरें भी सामने आई थीं, लेकिन जब दोनों नेता प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए बैठे तो उनके बीच तीखी नोक झोक हो गई। इस पर ट्रंप ने बीच में ही बातचीत रोक दी। इसके बाद जेलेंस्की व्हाइट हाउस छोड़कर चले गये। वहां के एक अधिकारी का कहना है कि, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने बातचीत को पटरी पर लाने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने यूक्रेन के अधिकारियों को बताया कि ट्रंप ने जेलेंस्की को तुरंत व्हाइट हाउस छोड़ने को कहा है।
President Donald J. Trump welcomes Ukrainian President Volodymyr @ZelenskyyUa to the White House. ???????????????? pic.twitter.com/vF0HXIUcym
— The White House (@WhiteHouse) February 28, 2025
ट्रंप से माफ़ी मांगने से किया इनकार
जानकारों का कहना है कि जेलेंस्की बिना सिक्योरिटी गारंटी के भी डील साइन करने अमेरिका पहुंचे थे, यहां उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। दरअसल, उनका असली मकसद ट्रंप को मनाना था। एक इंटरव्यू में खुद जेलेंस्की ने कहा भी कि हम चाहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति मध्य में रहें, हम यह भी चाहते हैं कि वो हमारे समर्थन में रहें। हालांकि उन्होंने ट्रंप से माफी मांगने से साफ़ मना कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति का सम्मान करता हूं, मैं अमेरिका के लोगों का भी सम्मान करता हूं, लेकिन हमें नहीं लग रहा है कि हमने कुछ गलत किया है।
ट्रंप ने अमेरिकी सपोर्ट के बदले मांगे 500 अरब डॉलर
रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप, पूर्व प्रेसिडेंट जो बाइडेन प्रशासन द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन को दिए गए आर्थिक और सैन्य मदद का मुआवजा मांग रहे हैं। ट्रंप की कोशिश है कि, अमेरिका को किसी तरह से उस इन्वेस्टमेंट का रिटर्न मिल जाए। वे पहले भी अपने कई बयानों के इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि यूकेन को दिए गये अमेरिकी सपोर्ट के बदले उसे 500 अरब डॉलर चाहिए। हालांकि वे 350 अरब डॉलर बात फाइनल करने को भी राजी हैं। इसके साथ ही उन्होंने ये शर्त भी रखी है कि इसके बदले यूक्रेन को कुछ भी नहीं मिलेगा, सुरक्षा की गारंटी तो बिल्कुल भी नहीं।
सिक्योरिटी के सवाल पर जवाब देने से किया इंकार
रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि, प्रेस कांफ्रेंस में, एक पत्रकार ने यूक्रेन की सिक्योरिटी पर सवाल पूछा तो डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर बात करने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा ‘मैं अभी सुरक्षा के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता, मैं बस डील फाइनल करना चाहता हूं, आप भी उसी ट्रैप में फंसे हैं जहां सभी फंसे हैं, आपने भी बार-बार यही कहा है कि मैं बस डील डन करना चाहता हूं, सिक्योरिटी तो बहुत आसान है, ये समस्या का बस दो फीसदी है, मुझे सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है, यूरोप अपने लोगों को वहां भेजेगा।’ ट्रंप ने आगे कहा, मुझे पता है फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य कई देश हैं जो यूक्रेन को सुरक्षा देंगे। हम सिक्योरिटी के लिए कमिटेड नहीं हैं, हालांकि हम इस बारे में सोच सकते हैं, हम दूसरे तरीके से सुरक्षा देंगे। हमारे कर्मचारी वहां होंगे, वे वहां से खनिज निकालकर लाएंगे और हम इस देश में कुछ अच्छे प्रोडक्ट्स तैयार करेंगे।’
25 बार सीजफायर तोड़ चुके हैं पुतिन
वहीं जेलेंस्की ने पत्रकार द्वारा पूछे गये सिक्योरिटी से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, बात अगर सिक्योरिटी गारंटी की है और सीजफायर की है तो हम इस पर बात नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इसका कभी कोई फायदा नहीं हुआ है, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 25 बार सीजफायर तोड़ा है, उस वक्त 2016 में जब ट्रंप ही अमेरिका राष्ट्रपति थे, तो हमारे सीजफायर के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है, बिना सिक्योरिटी गारंटी के इसका कुछ फायदा नहीं होने वाला।’
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जेलेंस्की के जवाब सुन भड़के ट्रंप
प्रेस वार्ता में जेलेंस्की ने युद्ध पर रोक लगाने के सिलसिले में रूस-अमेरिका के बीच हो रहे समझौते से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए स्पष्ट कर दिया कि, युद्ध रूस और यूक्रेन के बीच हो रहा है न कि अमेरिका के बीच। ऐसे में बगैर यूक्रेनियों के कोई भी इस युद्ध को नहीं रोक सकता है। हां आने वाले समय में अगर इस तरह के कोई नेगोशियेशंस होते हैं, तो इस नेगोशियेशन टेबल पर युद्ध के दोनों पक्ष यानी रूस और यूक्रेन दोनों की उपस्थिति होने चाहिए। यदि पुतिन को नहीं रोका जाता है तो वह यूक्रेन के बाद किसी और देश पर चढ़ाई करेंगे, हो सकता है कि वह पोलैंड पर भी हमला कर दें, चूंकि पोलैंड नाटो का सदस्य है।
पोलेंड पर भी हमला कर सकते हैं पुतिन
जेलेंस्की ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, इस स्थिति में अमेरिका की सेना को भी रूस से लड़ना होगा। जेलेंस्की की इस बात से ट्रंप भड़क गये और उन पर सीज फायर न करने का आरोप लगा दिया। ट्रंप ने कहा, आप सीजफायर नहीं करने दना चाहते हैं, आप अपने लोगों को मरने देना चाहते हैं, आप लाखों लोगों की जिंदगी के साथ खेल रहे हैं, आप तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा रहा हैं, आप जो कर रहे हैं, वह देश के लिए अपमानजनक है, यह देश उससे कहीं ज्यादा है, जिसके बारे में बहुत से लोगों का मानना है कि आपको (जेलेंस्की) धन्यवाद कहना चाहिए।’
ट्रंप ने जेलेंस्की पर लगाए कई आरोप
इस बहस के बाद व्हाइट हाउस से ट्रंप की तरफ से एक बयान जारी किया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, इस मीटिंग में कई अहम बातें सामने आईं, जो सामान्य परिस्थितियों में नहीं समझी जा सकती थी… कई सच सामने आये… मुझे समझ आ गया है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की शांति नहीं चाहते हैं… जब तक अमेरिका इसमें शामिल है… वह मानते हैं कि अमेरिका की भागीदारी से उसे वार्ता में बड़ा फायदा मिलता है, लेकिन मैं कोई फायदा नहीं चाहता हूं… मैं बस शांति चाहता हूं… उन्होंने (जेलेंस्की) अमेरिका का अपमान किया है… जब वे शांति के लिए तैयार होंगे… तो दोबारा व्हाइट हाउस आ सकते हैं…।
“We had a very meaningful meeting in the White House today. Much was learned that could never be understood without conversation under such fire and pressure. It’s amazing what comes out through emotion, and I have determined that President Zelenskyy is not ready for Peace if… pic.twitter.com/CtnqXBNcW3
— President Donald J. Trump (@POTUS) February 28, 2025
जेलेंस्की को सही ठहरा रहे यूरोपीय देश
ट्रंप और जेलेंस्की के इस विवाद के बाद दुनिया दो धड़ों में बंट गई है। एक पक्ष ट्रंप का समर्थन कर रहा है, तो वहीं दूसरा पक्ष जेलेंस्की के समर्थन में खडा नजर आ रहा है। कई यूरोपीय देश जैसे कि फ्रांस, आयरलैंड, लात्विया इटली, ब्रिटेन, स्वीडन और आस्ट्रेलिया आदि जेलेंस्की को सही ठहरा रहे हैं। इनका मानना है कि शांति की दिशा में पुतिन का अड़ियल रवैया रोड़ा बन हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की पार्टी डेमोक्रेट के प्रतिनिधि एरिक स्वैल्वेल्ल ने जेलेंस्की की तारीफ करते हुए कहा, उस आदमी में हिम्मत है, वह ओवल ऑफिस में गया और रूस के सबसे अच्छे वार्ताकारों से लोहा लिया।
अपने राष्ट्रपति के साथ खड़ी हुई यूक्रेन की जनता
एक अन्य डेमोक्रेटिक सीनेटर ने कहा, ‘ओवल ऑफिस में आज का तमाशा एक राजनीतिक घात और अमेरिकी नेतृत्व की शर्मनाक विफलता है।’ उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूक्रेन के लोग अपने जीवन और अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं।’ दुनिया के तमाम देशों के साथ ही यूक्रेन की जनता भी अपने राष्ट्रपति के साथ खड़ी है। यूक्रेन के लोगों का कहना है कि भविष्य में रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन की सुरक्षा के आश्वासन के बिना कोई शांति समझौता नहीं होना चाहिए, ‘हमारे नेता इतने दबाव में हैं फिर भी वे यूक्रेन और यूक्रेनवासियों के हितों की रक्षा को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं… हमें सुरक्षा की गारंटी और न्यायपूर्ण शांति चाहिए…।
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