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Aadhar Card Deactivation: इन लोगों के आधार कार्ड किए जा रहे डी-एक्टिवेट, सामने आई ये वजह

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Aadhar Card Deactivation

नई दिल्ली। Aadhar Card Deactivation: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने अब तक 1.17 करोड़ से ज़्यादा 12 अंकों वाले आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया है। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनके आधार नंबरों का दुरुपयोग न हो सके।

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नई सेवा शुरू

Aadhar Card Deactivation

इस पहल के तहत, यूआईडीएआई ने 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजीकृत मौतों के लिए माय आधार पोर्टल पर एक नई सेवा – परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु की सूचना देना – शुरू की है, ताकि परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर व्यक्ति पोर्टल पर आकर यूआईडीएआई को इसकी सूचना दे सके। बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, आधार डेटाबेस की निरंतर सटीकता बनाए रखने के लिए, यूआईडीएआई विभिन्न स्रोतों से मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त करने और उचित सत्यापन के बाद आधार नंबर को निष्क्रिय करने के लिए इन उपायों को सक्रिय रूप से अपना रहा है।

1.17 करोड़ कार्ड किए गए निष्क्रिय 

यूआईडीएआई ने कहा है कि, उसने भारत के महापंजीयक (आरजीआई) से आधार संख्या से जुड़े मृत्यु रिकॉर्ड साझा करने का अनुरोध किया है और नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) का उपयोग करके 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त किए हैं। उचित सत्यापन के बाद, लगभग 1.17 करोड़ आधार नंबर निष्क्रिय कर दिए गए हैं। लगभग 6.7 लाख मृत्यु रिकॉर्ड के आधार पर संख्या को निष्क्रिय करने का कार्य अभी भी किया जा रहा है।

देना होगा प्रमाण पत्र

‘परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना’ के अंतर्गत, परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर, मृतक के परिवार के किसी सदस्य को मृतक के साथ अपने संबंध का प्रमाण देना होगा। पोर्टल पर, जिन लोगों की मृत्यु हो गई है, उनके आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण संख्या और कई अन्य विवरणों की जानकारी देनी होगी। आपके द्वारा दी गई जानकारी का पहले सत्यापन किया जाएगा और फिर आधार को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

राज्य सरकारों से ली जा रही मदद

यूआईडीएआई इस काम के लिए राज्य सरकारों से भी मदद ले रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर, 100 वर्ष से अधिक आयु के आधार कार्ड धारकों से संबंधित जानकारी राज्य सरकारों के साथ साझा की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे जीवित हैं या नहीं। सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद ही आधार संख्या को निष्क्रिय किया जाएगा।

 

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