



नई दिल्ली। Uproar in SC: देश की सबसे बड़ी अदालत ‘सर्वोच्च न्यायालय’ में आज एक ऐसी घटना घटी, जो आज तक कभी नहीं घटी थी और आगे भी इस तरह की घटना न घटे, इस बात का ध्यान रखा जाये। दरअसल, आज जब मुख्य न्यायधीश बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच एक संवेदनशील मामले की सुनवाई कर रही थी, तभी एक वकील ने उनकी तरफ जूता फेंका। हालांकि, वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने जूता कैच कर लिया और मुख्य न्यायधीश तक नहीं पहुंचा। इस दौरान ये शख्स ‘सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ के नारे लगा रहा था।
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कोर्ट नबंर 1 की घटना
इस घटना से न्यायिक प्रक्रिया थोड़ी देर के लिए बाधित हो गई, लेकिन फिर सुचारू रूप से चलने लगी। हालांकि, लाइव लॉ और बार एंड बेंच की रिपोर्ट में बताया गया कि जूता फेंकने की कोशिश की गई थी, लेकिन फेंकने से पहले ही सुरक्षा कर्मियों से उसे दबोच लिया और कोर्ट रूम से बाहर लेकर चले गये। बताया जा रहा हैं कि, घटना सोमवार दोपहर करीब साढ़े 11 बजे की है। यहां कोर्ट नबंर 1 में मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में किसी ऐसे केस की सुनवाई चल रही थी, जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े कुछ विवादित बिंदु शामिल थे। इसी दौरान राकेश किशोर नाम का वकील अपनी सीट से खड़ा हुआ और सीजेअई की तरफ जूता फेंक दिया।
आरोपी को लिया हिरासत में
घटना के बारे में बात करते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया कि, आरोपी राकेश किशोर राजधानी के मयूर बिहार क्षेत्र का रहने वाला है और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से पंजीकृत वकील है। पुलिस ने कहा, आरोपी को अरेस्ट करके सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा ईकाई को सौंप दिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। एक अन्य रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि, आरोपी राकेश किशोर ने अपने स्पोर्ट्स जूते निकाले और अपनी सीट से उठकर सीजेई की तरफ उसे फेंका, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता से जूता मुख्य न्यायधीश तक नहीं पहुंच सका और आरोपी को तत्काल हिरासत में ले लिया गया।
लगाया धार्मिक नारा
प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बताया कि, वकील की वेश भूषा में आये एक व्यक्ति ने मुख्य न्यायधीश की तरफ कुछ फेंका। बाद में सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि वह जूता था। लोगों ने ये भी कहा कि, जब उसे बाहर ले जाया जा रहा था, तब वह धार्मिक नारा ‘सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ लगा रहा था। इस घटना के बाद सीजेआई ने शांति बनाये रखने की अपील की और अपना पक्ष रख रहे वकीलों से कहा, सुनवाई जारी रहेगी। सीजेआई ने कहा, इन सब बातों से विचलित मत होइए, हम विचलित नहीं है, मुझ पर इन सबका कोई असर नहीं पड़ता।
खुजराहो पर की गई टिप्पणी से था नाराज
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि, आरोपी राकेश किशोर मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति की बहाली से जुड़ी 16 सितंबर को दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई गवई द्वारा की गई टिप्पणियों से नाराज था। इस याचिका में खजुराहो के जावरी मंदिर में 7 फीट ऊंची भगवान विष्णु की जीर्ण-शीर्ण मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग उठाई गई थी।
सीजेआई ने खारिज की थी याचिका
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा था कि, ये याचिका महज पब्लिसिटी के लिए दायर की गई है, जाइए और स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहिये। सीजेआई ने ये भी टिप्पणी की थी कि, अगर आप कह रहे हैं कि, आप भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हैं…तो प्रार्थना करें…ध्यान करें…। इसके बाद सीजेआई ने कहा कि, वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि, उनकी टिप्पणी इस संदर्भ में थी कि इसका रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकार क्षेत्र में है।
दिल्ली पुलिस कर रही जांच
खैर जो भी हो इस घटना ने एक बार फिर से कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। जब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश के साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत हो सकती है, तो और की सुरक्षा की क्या गारंटी होगी। राकेश किशोर ने ये हरकत भले की किसी धार्मिक नाराजगी वश की हो, लेकिन कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने का हक़ किसी को भी है। फ़िलहाल दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उम्मीद है कि और भी तथ्य सामने आएंगे, लेकिन पुलिस और कोर्ट की सुरक्षा ईकाई को इस बात का ख़ास ख्याल रखना होगा कि अब इस तरह की घटना कि पुनरावृति न हो।
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