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20th Young Cyntist Congress: भारतीय ज्ञान परम्परा को विरासत के नजरिए से देखिए प्रो. राजीव

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अम्बिकापुर
  • शोध-अनुसंधान के लिए बड़ा मंच है यंग साइंटिस्ट
  • पदक, पुरस्कार, प्रमाण पत्रों के साथ विदा हुए सरगुजा से यंग साइंटिस्ट

अम्बिकापुर। 20th Young Cyntist Congress: भारतीय ज्ञान परम्परा वेदों से प्रारम्भ हो कर आज हमारे जीवन में शामिल है। इसे धर्म के नजरिये से नहीं बल्कि अपनी विरासत और धरोहर के नजरिये से देखिये। यह बातें संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय अम्बिकापुर और छत्तीसगढ़ काउन्सिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नालॉजी रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 20वें यंग साइंटिस्ट कांग्रेस-2025 के समापन सत्र को सम्बोधि भारतीय ज्ञान परम्परा वेदों से प्रारम्भ हो कर आज हमारे जीवन में शामिल है। इसे धर्म के नजरिये से नहीं बल्कि अपनी विरासत और धरोहर के नजरिये से त करते हुए मुख्य अतिथि आईआईटी भिलाई के निदेशक राजीव प्रकाश ने कही।

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हमारी पहचान है रामायण-गीता

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उन्होंने कहा कि यंग साइंटिस शोध-अनुसंधान के लिए बड़ा मंच है। आपका मुकाबला मैन पॉवर, इंटेलीजेंस और एआई से है। हमें मशीनी लर्निंग, डिजीटल लर्निंग से आगे बढ़ना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्मार्ट वर्क चाहता है। प्रो. राजीव कहा कि शोध-अनुसंधान फूल टाइम जॉब है, इसमें विश्राम, विराम नहीं होता है, बल्कि यह कठोर परिश्रम और समर्पण मांगता है। उन्होंने सभी अध्येताओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप देश के लिए अनुसंधान कीजिए। हमारे लिये राष्ट्र प्रथम है और रामायाण, गीता को पढ़िये, यही हमारी पहचान है।

92 शोध पत्रों का हुआ वाचन

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा और संत गहिरा गुरू के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत गुलाब की कलियां और सरगुजिहा कलेवर से सजा अंगवस्त्र प्रदान कर किया गया।

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छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नालॉजी के कन्वीनर जॉयस राय ने 20वें छत्तीसगढ़ यंग साइंटिस्ट कांग्रेस-2025 के दो दिनों के आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि 92 शोध पत्रों का वाचन, प्रजेंटेशन पॉवर प्वाइंट के माध्यम से हुआ। प्रथम दिन 60 और दूसरे दिन 32 शोध पत्रों की प्रस्तुति हुई। श्रेष्ठ और मानक के अनुसार 14 यंग साइंटिस्टों को चयन किया गया। उन्होंने यंग साइंटिस्टों का आह्वान करते हुए कहा कि विज्ञान में अनुसंधान और शोध होते रहना चाहिए और यही मानवता की जरूरत है।

सपने पूरे होंगे, तो आनंद आएगा

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति और कार्यक्रम के संरक्षक प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह ने कहा कि शिक्षा-दीक्षा और ज्ञान का समारोह सरगुजा के लिए उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पास संसाधनों की कमी है और इन परिस्थितियों में भी आपका हौसला हमें कुछ नया कर गुजरने का उत्साह देता है। प्रो. सिंह ने कहा कि आपके अनुसंधान से समाज का विकास होगा और आर्थिक समृद्धि आयेगी। उन्होंने आह्वान किया कि आप शैक्षिक परिसर में प्रतिभाओं के पास जाइये, आपके लिए अच्छे अवसर इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सपने पूरे होंगे तो आनन्द आयेगा।

प्रमाण पत्र प्रदान कर किया सम्मानित

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर ने कहा कि हमारे समाज को तकनीकी और ज्ञान दोनों चाहिए। अब जय विज्ञान-जय अनुसंधान का दौर है। प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करायेगी। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि प्रो. राजीव प्रकाश, विशिष्ट अतिथि विश्वविजय सिंह तोमर, राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के अधिष्ठाता डॉ. एसके सिंह, डॉ. एस. कर्मकार, डॉ. जॉयस के राय आदि को स्मृति चिह्न, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया। विषय विशेषज्ञों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी आनन्द कुमार ने किया। कार्यक्रम के दौरान श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव, डॉ. आर.एन शर्मा, केआर टेक्निकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा, डॉ. आशीष बंजारा तथा देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये अध्येता, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, कर्मचारी तथा विद्यार्थी उपस्थिति रहे।

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14 यंग साइंटिस्ट हुए सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान विक्की कुमार, सतीश कुमार दुबे, प्रिया गुप्ता, धर्मेन्द्र, परिणिता त्रिपाठी, श्रेया अनन्त, डॉ. प्रियंका पांडेय, संदीप कुमार, सृष्टि सजल स्वर्णकार, वर्षा मेश्राम, प्रतीक सिंह, रागिनी अरोड़ा, श्रद्धादेवी, लेवश वैघ को अतिथियों ने प्रमाण पत्र, पदक, 21000 रूपये का चेक प्रदान का सम्मानित किया।

शोध और अनुसंधान से होगी सरगुजा की भागीदारी: कुलसचिव

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अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि 2008 से स्थापित विश्वविद्यालय संसाधनों के देर की अवधि पूरा कर चुका है। उम्मीद है कि घनी अंधेरी रात के बाद अब सुबह होगी। हमें ज्ञान-विज्ञान के साथ विकास की दौड़ में शामिल हेाना है। विश्वविद्यालय के लिए 24 नये विषय, आर्यावर्त संग्रहालय आदि का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत में भी सरगुजा की भागीदारी उनके शोध और अनुसंधान से होगी। उन्होंने सभी अतिथि, अध्येता, विषय विशेषज्ञ, प्राध्यापक और कार्यक्रम में जुडे़ महानुभावों का आभार प्रकट किया।

युवा बनायेंगे नया छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ काउन्सिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नालॉजी के डायरेक्टर जनरल और कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. एस. कर्मकार ने युवाओं की जिम्मेदारी है कि शोध-अनुसंधान को प्रयोगशाला से बाहर लायें, जिसमें समाज हित फलित हो। उन्होंने यंग साइंटिस को बधाई देते हुए कहा कि आपको लगातार प्रयास करना चाहिए। आपके परिश्रम, संकल्प, शोध एवं अनुसंधान से नया छत्तीसगढ़ फलक पर आयेगा।

 

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