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Silver Jubilee: छात्रों को NDA क्लियर करने और सैनिक स्कूल में प्रवेश में जुड़ी जानकारी दी

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Chhattisgarh State Silver Jubilee Festival,
  •   छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष 2025 पर हुआ कार्यक्रम
  • “जय हिंद की सेना” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन 

अंबिकापुर। Silver Jubilee: संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा की तरफ से छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में आज 26 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागृह में “जय हिंद की सेना” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रेम प्रकाश सिंह ने की। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कर्नल और सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल रीमा सोबति मौजूद रही। वहीं विशिष्ठ अतिथि के रूप कैप्टन यू एस चारण व छत्तीसगढ़ राज्य रजत जयंती महोत्सव के नोडल अधिकारी एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी मौजद रहे।

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छात्रों को आमंत्रित किया

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नल रीमा सोबति ने प्रिंसिपल सैनिक स्कूल अंबिकापुर की उपलब्धियां बताईं और संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के सभी छात्रों को भी सैनिक स्कूल देखने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, सैनिक स्कूल छत्तीसगढ़ की धरोहर है। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों को एनडीए (NDA) क्लियर करना और सैनिक स्कूल में प्रवेश आदि से जुड़ी जानकारियां भी दी।

भारतीय सेना में दे रहे सेवाएं

उन्होंने कहा, शताधिक से अधिक छात्र आज सीधे भारतीय सेवा से जुड़े हुए हैं और अफसर के रूप में अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं। इसके साथ ही सैनिक स्कूल अंबिकापुर के 100 से अधिक छात्र आज डॉक्टर बन लोगों की सेवा कर रहे हैं और देश के विकास में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। उन्होंने बताया अनिमेष कुजूर जो देश का एकमात्र सबसे तेज धावक है वे सैनिक स्कूल के कैडेट हैं। वहीं एनडीए में पहला स्थान हासिल करने वाले खेलानंद साहू भी सैनिक स्कूल के कैडेट हैं और छत्तीसगढ़ राज्य से ही ताल्लुक रखते हैं।

कैप्टन ने साझा किये अनुभव 

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विशिष्ट अतिथि कैप्टन यू एस चारण ने इंडियन नेवी के संपूर्ण इतिहास प्रकाश डाला और सेना की कार्यप्रणाली एवं उसमें करियर की संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कैप्टन ने भारत एवं अन्य देशों के साथ हुए युद्ध में भारतीय सेना के अदम्य साहस एवं शौर्य के कई दृश्य एवं अपने अनुभव साझा किये। साथ ही ये भी बताया कि जिस प्रकार से थल सेना हमारे भारत के भू-भाग की रक्षा करती है, ठीक उसी प्रकार, नौसेना समुद्र और तटीय क्षेत्रों की रक्षा करते हुए युद्ध की स्थिति में सेना के हर संभव बचाव एवं हमले के लिए मदद करती है।

अब बदल गया है विकास का पैमाना

कार्यक्रम की शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी के संबोधन से हुआ। कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी और सबको अपने कर्मस्थल से अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, अब विकास का पैमाना युद्ध के उपकरण विकसित करने से लेकर एआई एवं रोबोट आधारित नीति पर हो रहा है।

समस्या है तो समाधान भी है

युद्ध के इस परिदृश्य में हमें जीवन को जीने की कला सीखनी होगी। हमें छोटी-छोटी खुशियों को समेट कर खुश होने की कला को सीखनी होगी और यही हमारा आत्मविश्वास बढ़ाएगी। उन्होंने कहा, समस्याएं हमेशा रही है और उसका समाधान भी निकला है। समस्याओं की अनेक विकृतियां को हमें ही समाधान के रूप में प्रस्तुत करना होगा। रजत जयंती समारोह उक्त लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन और माध्यम होंगे। 2047 के विकसित भारत लक्ष्य के लिये हमें अभी से नई पीढ़ी को स्वस्थ्य मन और स्वस्थ्य तन के लिये प्रेरित करना होगा।

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कुलपति ने मुख्य अतिथि कर्नल रीमा सोबति एवं विशिष्ट अतिथि कैप्टन यू एस चारण का सम्मान समृति चिन्ह, राजकीय अंगवस्त्र एवं श्रीफल प्रदान कर किया। सेमीनार में सैनिक स्कूल के अध्यापकगण, विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव प्रवीण अग्रवाल, सहायक कुलसचिव रामजी लाल मंडावी एवं टेमन लाल देवांगन तथा विश्वविद्यालय प्रशासनिक परिवार, शिक्षण विभाग के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण भी उपस्थित रहे।

 

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