



नई दिल्ली। World Ovarian Cancer Day 2025: डिम्बग्रंथि का कैंसर महिलाओं में सातवां सबसे आम कैंसर है। यह प्रजनन कैंसरों में सबसे ज्यादा मौतें करता है। अमेरिका में कैंसर से होने वाली हर पांचवीं महिला की मौत इसी कैंसर की वजह से होती है।
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महिलाओं को किया जाता है जागरूक
ओवरी कैंसर से मरने वाली महिलाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए ही हर साल आठ मई को विश्व ओविरियन कैंसर डे मनाया जाता है और महिलाओं को इससे बचने के उपाय, लक्षण और कारण के बारे में बताया जाता है, ताकि समय रहते वे इलाज करा सकें और अपना बचाव कर सकें। इस लेख में हम आपको ओवरी कैंसर के लक्षण, कारण और इससे बचाव के तरीके बताएंगे।
असामान्य कोशिकाओं के बढ़ने से होता है कैंसर
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब में असामान्य कोशिकाओं के बढ़ने से ओवेरियन कैसर होने का खतरा रहता है, जब ये कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, तो ओवेरियन कैंसर को जन्म देती हैं। यह आमतौर पर महिलाओं के पेल्विस से लिम्फ नोड्स, पेट, आंत, पेट, छाती या लिवर तक फैला जाता है।
3.44 मामले होते हैं ओवेरियन कैंसर के
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, ओवेरियन कैंसर भारत में महिलाओं में तीसरा सबसे आम कैंसर है और दुनिया भर में यह आठवें स्थान पर है। ग्लोबोकैन 2018 की फैक्ट शीट के मुताबिक, सभी कैंसर के मामलों में से 3.44 प्रतिशत ओवेरियन कैंसर के होते हैं।
फैमिली हिस्ट्री भी होती है वजह
भारतीय महिलाओं कैंसर से होने वाली मृत्यु का ये एक प्रमुख कारण है, जो कि भारत में कैंसर से होने वाली कुल मौतों का 3.34 प्रतिशत है। Clevelandclinic के अनुसार, ओवेरियन कैंसर की सटीक वजह बता पाना अभी भी मुश्किल है, लेकिन इसके कुछ ऐसे लक्षण हैं जो मेन हैं, जैसे कि, मोटापा, 60 साल से अधिक उम्र, ओवेरियन कैंसर की फैमिली हिस्ट्री, एंडोमेट्रियोसिस, प्रेग्नेंट न होना आदि।
ब्लोटिंग
कई बार कम खाने के बाद भी पेट फूला हुआ या फिर टाइट सा लगता है या फिर लंबे समय से पेट बड़ा दिख रहा है, तो इसे डाइजेशन प्रॉब्लम समझ कर नजरंदाज नहीं करना चाहिए। ये ओवरी कैंसर का संकेत भी हो सकता है।
बार-बार पेशाब आना
अगर आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो रही है, तो उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। ऐसा ट्यूबर के दबाव की वजह से भी हो सकता है। महिलाएं आमतौर पर बार-बार पेशाब आने को शुगर या डायबिटीज और यूटीआई से समस्या से जोड़कर देखने लगती हैं, जो खतरनाक हो सकता है।
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पेल्विक पेन
पेट के निचले हिस्से में किसी भी तरह की परेशानी बढ़ते ट्यूमर का संकेत हो सकती है। हालांकि, पीरियड के समय का दर्द या किसी भी तरह की परेशानी सामान्य हो सकती है, लेकिन अगर ऐसा आम दिनों में हो रहा है, तो इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।
भूख न लगना
ओवरी कैंसर होने पर अक्सर बिना कुछ खाया भी पेट फूला या भरा हुआ महसूस होता है, जिससे भूख नहीं लगती है।
कमर दर्द
कई बार बैठने या फिर गलत पोश्चर में सोने की वजह से कमर दर्द की समस्या हो सकती है, लेकिन अगर आये दिन आपकी कमर में दर्द हो रहा है तो यह ओवरी कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
पीरियड्स साइकल में बदलाव
महिलाओं को अपने पीरियड्स साइकल के समय को याद रखना चाहिए। अगर पीरियड्स जल्दी या फिर देर आने लगें, तो आपको बिना देर किये डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए। ये ओविरियन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग
कुछ महिलाओं के मेनोपॉज होने के बाद भी ब्लीडिंग होने की समस्या रहती है, जिसे नॉर्मल नहीं माना जाना चाहिए। ये ओवरी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क कर जांच करानी चाहिए।
ओवरी कैंसर की वजह
यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है, लेकिन 55 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा होता है। साथ ही, अगर परिवार में ओवरी, ब्रेस्ट या कोलोरेक्टल कैंसर का इतिहास रहा हो, तो उस महिला को इसका जोखिम अधिक होता है। इसके अलावा, जो महिलाएं कभी मां नहीं बन पाती या कभी कंसीव नहीं करती, उन्हें ओवरी कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। कई बार मोटापे की वजह से भी हार्मोनल डिसऑर्डर होता है और थायराइड जैसे समस्याएं होती हैं, जिससे ओवरी कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है।
बचने के उपाय
ओवेरियन कैंसर को एकदम से रोकने का अभी को तरीका ईजाद नहीं हुआ है, लेकिन फैमिली की हिस्ट्री और शुरुआती लक्षणों को देखकर इसे विकसित होने से रोका जा सकता है। अगर समय रहते इसका पता चल जाता है, तो कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, सर्जरी, टारगेटेट थेरेपी से इसका इलाज संभव है। यही वजह है कि, समय-समय पर जरूरी चेकअप कराते रहना चाहिए, ताकि कोई भी लक्षण नजर आते ही इलाज शुरू किया जा सके।
ओवेरियन कैंसर का इलाज
अगर जांच में ओवेरियन कैंसर का पता चलता है, तो डॉक्टर सर्जिकल ट्रीटमेंट से उसका इलाज करते हैं। इसके अलावा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी भी की जा सकती है। इस सर्जरी में सर्जन पेट में एक छोटा सा कट लगाकर एक पतला सा कैमरा पेट के अंदर डालते हैं और ट्रीटमेंट करते हैं। इस माध्यम से सर्जन स्टेजिंग बायोप्सी कर सकते हैं या कुछ परिस्थितियों में ओवेरियन ट्यूमर को हटा भी सकते हैं।
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