



Sleep Deprivation: नींद हर किसी के लिए अहम होती है। नींद न पूरी होने पर इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है हमेशा तनाव में रहने लगता है। इसके साथ ही उसे कई तरह की गंभीर बीमारियां होने का भी खतरा रहता है। एक्सपर्ट्स का कहना देर से सोना और देर से उठाना ये आदत किसी के लिए भी ठीक नहीं होती। हेल्दी रहना है तो सोने-जागने का रूटीन फिस्क करना होगा और पर्याप्त नींद लेनी होगी। इसके साथ ही हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज की भी आदत डालनी होगी।
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बढ़ता है तनाव का लेवल
एक्सपर्ट्स की मानें तो जो लोग रोजाना 5-6 घंटे से कम सोते हैं ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का जोखिम सामान्य लोगों से ज्यादा होता है क्योंकि पूरी नींद न लेने से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त ब्लड नहीं मिल पाता। साथ ही तनाव का लेवल भी बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मेटाबलिज्म भी स्लो हो जाता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है।
दिमाग को रिलैक्स करती है नींद
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि, नींद पूरी न होने से कई ऐसे हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं जो भूख को बढ़ाते हैं और इंसान ज्यादा खाने लगता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है। कई बात कम नींद लेने का असर दिमाग पर भी पड़ता है, जिससे एंजाइटी, डिप्रेशन और मूड स्विंग्स की समस्या भी होने लगती है। डॉक्टर का कहना है कि, पर्याप्त नींद दिमाग को रिलैक्स करती है। दिमाग अगर रिलैक्स रहता है तो शरीर उर्जावान बना रहा रहता है और काम में मन लगता है।
घटती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
नींद की कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे छोटी-छोटी बीमारियां भी सताने लगती है और इन्सान को ठीक होने में भी समय लगता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि एक स्वस्थ इन्सान को हर दिन सात से आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए। वहीं, टीनएजर्स और बच्चों को 8 से 10 घंटे सोना चाहिए। बुजुर्गों को छह से सात घंटे की नींद जरूरी होती है।
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