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 Bangladesh Violence: उपद्रवियों ने जलाया मुजीबुर्र रहमान का घर, गुस्से से लाल हुईं हसीना

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 Bangladesh Violence

 Bangladesh Violence: बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित घर में बुधवार को कई प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ और उसे आग के हवाले कर दिया गया। यह घटना उस वक्त हुई जब उनकी बेटी और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश के लोगों को ऑनलाइन संबोधित कर रही थीं।

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जनता को ऑन लाइन किया संबोधित

रिपोर्ट के मुताबिक, विरोधियों को जब खबर मिली कि शेख हसीना रात नौ बजे बांग्लादेश की जनता को संबोधित करने वाली हैं तो वे तुरंत एक्टिव  हो गये और उनके इस संबोधन के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘बुलडोजर जुलूस’ का आयोजन किया गया। इसके बाद शाम के समय हजारों लोग ढाका के धानमंडी क्षेत्र में शेख मुजीबुर रहमान के घर के सामने एकत्र हो गये। भीड़ ने हसीना के भाषण से ठीक पहले उनके पिता यानी मुजीबुर्र रहमान के घर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। बता दें कि बांग्लादेश की आजादी के कुछ साल बाद ही साल 1975 में शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी। उनकी मौत के बाद उनके ढाका स्थित घर को एक स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया था।

क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया?

रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना का ये संबोधन, अवामी लीग की अब भंग हो चुकी छात्र शाखा द्वारा आयोजित किया गया था। भाषण शुरू होने से पहले ही उन्हें अपने पिता के घर में आगजनी और तोड़फोड़ की खबर मिल गई थी, इससे वह बेहद गुस्से में थीं और अपने भाषण में उन्होंने बांग्लादेश की जनता से सीधा सवाल कर लिया, क्या मैंने आपके लिए काम नहीं किया? तो फिर मेरे उस घर में तोड़फोड़ क्यों की गई, जहां मेरे पिता ने आजादी का नारा दिया?, मुझे इंसाफ चाहिए।

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कहा- इतिहास बदला लेता है

हसीना ने अपने संबोधन में लोगों से वर्तमान सरकार के खिलाफ संगठित प्रतिरोध करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार के पास इतनी ताकत नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और हमारी स्वतंत्रता को समाप्त कर सकें, जिसे हमने लाखों शहीदों की कुर्बानी देकर पाया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे इमारतों को गिरा सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि इतिहास हमेशा अपना बदला लेता है।

रातों-रात भागना पड़ा था देश छोड़कर

शेख हसीना वर्तमान में भारत में रह रही हैं। पिछले साल बांग्लादेश में शुरू हुए छात्र आंदोलन ने उनकी सरकार को गिरा दिया था। हालात इतने बदतर हो गये थे कि हसीना को रातों-रात बांग्लादेश छोड़ कर भागना पड़ा था। सिर्फ वहीं नहीं बल्कि उनके राजनीतिक दल आवामी लीग के कई नेता और कार्यकर्ता या तो देश छोड़कर भाग चुके हैं या फिर जेल में हैं, या फिर बांग्लादेश में ही छिप कर रह रहे हैं। बांग्लादेश में हसीना की पार्टी से जुड़े लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।

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