



नई दिल्ली। Tariff War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अब अन्य देशों ने उन्हीं की भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया है। ट्रंप ने मंगलवार 4 मार्च को मैक्सिको और कनाडा से आयातित वस्तुओं पर 25% टैरिफ लागू कर दिया। वहीं चीन से आने वाले सामान पर पहले से ही लागू 10 प्रतिशत टैरिफ को बढ़ाकर 20 फीसदी का कर दिया। इसके जवाब में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी अमेरिकी वस्तुओं अपर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। ये टैरिफ 30 बिलियन कनाडाई डॉलर मूल्य की वस्तुओं पर लागू होगा।
कनाडा ने अमेरिकी वस्तुओं पर लगाया टैरिफ
ट्रूडो का कहना है कि अमेरिका टैरिफ वापस नहीं लेता है, तो कनाडा अगले 21 दिनों में अतिरिक्त 125 बिलियन कनाडाई डॉलर मूल्य की अमेरिकी वस्तुओं पर भी टैरिफ लगाएगा। कनाडाई पीएम का कहना है कि अमेरिकी वस्तुओं पर कनाडा के टैरिफ तब तक लागू रहेंगे जब तक अमेरिका अपनी टैरिफ की कार्रवाई को नहीं रोकता है और अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो वे अन्य गैर-टैरिफ उपायों पर भी विचार करेंगे।
चीन ने भी लिया एक्शन
उधर, चीन ने भी अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 10 से 15 प्रतिशत तक अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया है। चीन सोयाबीन,सूअर का मांस, बीफ, डेयरी उत्पाद, फल और सब्जियों पर 10% टैरिफ लगाएगा। वहीं, चिकन, गेहूं, मक्का और कपास पर 15 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसके अलावा चीन ने 25 अमेरिकी कंपनियों के निवेश और निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाया है।
मैक्सिको का बड़ा ऐलान
कनाडा और चीन के साथ ही मैक्सिको ने भी अमेरिका का खिलाफ जवाबी एक्शन लेने का फैसला किया है। मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने कहा कि उनका देश अमेरिकी टैरिफ के प्रभावी होने की स्थिति में प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि किस तरह की प्रतिक्रिया दी जाएगी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस टैरिफ वार के चलते उत्तरी अमेरिका में आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ गई है। यहां शेयर बाजार में भी गिरावट देखी गई है, जिससे वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर सवाल उठने लगे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव का इंटरनेशनल अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
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