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Murshidabad Violence: आमने-सामने आए BJP-TMC, कहा- हिंसा भड़काने के लिए बुलाए गए बाहरी लोग

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Murshidabad Violence:

पश्चिम बंगाल। Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ है। ये आरोप भाजपा और टीएमसी दोनों ने लगाया है। हालांकि अब वहां माहौल शांत है, लेकिन तनाव बरकरार है। पुलिस ने फ्लैग मार्च कर लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया।  इधर, मुर्शिदाबाद में हुई हिंसक घटनाओं से सियासी माहौल गरमा गया है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

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घरों, मकानों और दुकानों में लगाई आग

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बता दें कि, शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। घटना के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भाजपा ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया है। दोनों दलों का दावा है कि बाहरी लोगों के भड़काने पर हिंसा हुई। मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियान और शमशेरगंज जैसे इलाकों में 8 अप्रैल से वक्फ कानून केखिलाफ हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान कई वाहनों, घरों और दुकानों में आग लगा दी गई। नतीजतन, मुर्शिदाबाद से हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा।

पिता-पुत्र समेत तीन की मौत

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इस हिंसा में पिता-पुत्र हरगोबिंद दास (72) और चंदन दास (40) समेत तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं एक अन्य व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके अलावा स्थानीय टीएमसी सांसद खलीलुर रहमान के कार्यालय और विधायक मनीरुल इस्लाम के घर पर भी भीड़ ने हमला बोला था।हिंसा के बाद जिले में इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई और बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई।  स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल के साथ-साथ सीमा सुरक्षा बल (BSF) को तैनात किया गया। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शनिवार को स्थिति को “गंभीर और अस्थिर” बताते हुए प्रभावित इलाकों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश दिया।

बड़ी साजिश का दावा

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टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष का कहना है कि, बीजेपी के इशारे पर हिंसा हुई है। इसमें बाहरी लोगों का हाथ है। उन्होंने कहा, “हिंसा भड़काने वालों को स्थानीय लोगों ने पहचाना तक नहीं। वे बाहर से आए थे। वे कौन थे? वे कहां से आए थे और यहां उनकी मदद किसने की? घोष ने कहा, हमें लगता है कि यह एक बड़ी साजिश है।” उन्होंने ये भी दावा किया कि, भाजपा हिंसा को पश्चिम बंगाल से जोड़ने के लिए फर्जी तस्वीरें और वीडियो प्रसारित कर रही है।

कुणाल घोष ने लगाया बीजेपी पर आरोप 

टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष का भी कहना है कि, ‘भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और उकसावे की राजनीति करती है। उन्होंने इस पूरे मामले में पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की। टीएमसी नेताओं ने यह भी दावा किया कि, कुछ हिंसक तत्वों को सीमा पार से समर्थन मिला है। कुणाल घोष ने  इशारों-इशारों में कहा कि, बीजेपी और बीएसएफ के कुछ वर्गों ने हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभाई है।

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घर छोड़कर भागे हिन्दू

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वहीं भाजपा ने हिंसा को धार्मिक उत्पीड़न बताया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि, धुलियान में 400 से अधिक हिंदू परिवारों को हिंसा के डर से घर छोड़कर भागना पड़ा। इन सभी ने मालदा जिले के पार लालपुर हाई स्कूल में शरण ली है। शुभेंदु ने इस हिंसा के लिए टीएमसी की “तुष्टिकरण की राजनीति” को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि, इससे कट्टरपंथी तत्वों को बल मिलता है।

टीएमसी मंत्री पर आरोप

अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि, हिंसा भड़काने वालों में टीएमसी मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी प्रमुख रूप से शामिल थे। उन्होंने कहा, “सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने कहा था कि, वे पहले जिले में आग लगाएंगे, फिर कोलकाता में।” भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एस मजूमदार ने टीएमसी सांसद यूसुफ पठान पर भी तीखा हमला बोला। दरअसल, यूसूफ पठान ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें वे हिंसा के बीच चाय पीते हुए नजर आ रहे थे।

बंगाल में नहीं लागू होगा वक्फ कानून

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बता दें कि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को लोगों ने शांति की अपील की और कहा पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून लागू नहीं किया जाएगा, तो हिंसा क्यों की जा रही है। उन्होंने कोलकाता की जनता से “धर्म के नाम पर गैर-धार्मिक गतिविधियां” न करने का आग्रह किया और हिंसा को सामाजिक नुकसान पहुंचाने वाला बताया। बनर्जी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, कानून केंद्र ने पेश किया है। ऐसे में उससे ही सवाल पूछे जाने चाहिए, न कि हिंसा की जानी चाहिए।

पहले भी हो चुकी है हिंसा

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बता दें  कि, मुर्शिदाबाद में मुस्लिम आबादी लगभग 60% है। यहां अप्रैल 2024 में रामनवमी के दौरान और नवंबर में भी हिंसक घटनाएं हुई थीं। इस बार की हिंसा ने भाजपा और टीएमसी के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। टीएमसी का एक वर्ग मानता है कि, वक्फ अधिनियम के खिलाफ मुस्लिम समुदाय का गुस्सा उन्हें अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट करने में मदद कर सकता है। वहीं, कुछ नेताओं का मानना है कि, इससे हिन्दू वोट कट सकता है, जिसका सीधा फायदा भाजपा को होगा।

गहरी हुई सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की खाई

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मुर्शिदाबाद में हुई यह हिंसा न केवल कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वाली है, बल्कि यह पश्चिम बंगाल की राजनीति में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की गहरी खाई को भी उजागर कर रही है। दोनों दल  (BJP-TMC) इस घटना को अपने-अपने तरीके से भुनाने में जुट गये हैं, लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। हालांकि, प्रशासन स्थिति के नियन्त्रण में होने का दावा तो कर रहा है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या यह शांति लंबे समय तक बरकरार रहेगी।

 

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