



नई दिल्ली। Pakistanis In Delhi: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत, पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है। उसने पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है और पाकिस्तानियों को वापस उनके देश भेजा रहा है। केंद्र सरकार के आदेश के बाद कई राज्य सरकारें भी अपने राज्य में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को तलाश रही हैं और वापस पाकिस्तान भेजने का काम कर रही हैं।
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दिल्ली पुलिस को सौंपी गई लिस्ट
इसी कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में करीब 5000 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई है, जो वीजा रद्द होने के बाद भी वापस पाकिस्तान नहीं गये हैं। भारत के खुफिया विभाग ने इनकी एक लिस्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी है, ताकि उन्हें वापस उनके देश पाकिस्तान भेजा जा सके। विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) ने यह लिस्ट दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा को सौंपी है और इसे आगे के सत्यापन और पहचान के लिए संबंधित जिले के साथ भी साझा किया गया है।
लिस्ट में हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों के भी नाम
एक समाचार एजेंसी के अनुसार, इस लिस्ट में उन हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों के नाम भी हैं, जिनके पास दीर्घकालिक वीजा (LTV) है। सूची सत्यापन के लिए संबंधित जिले के अधिकारियों को भेज दी गई है और निर्देश दिया गया है कि, पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश वापस लौटने को कहा जाये। सूची के अनुसार, दिल्ली के मध्य और उत्तर-पूर्वी जिलों में अधिक संख्या में पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं।
लिस्ट पर तत्काल अमल करने के निर्देश
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, मामले को लेकर एक बैठक आहूत की गई, जिसमें दिल्ली पुलिस को लिस्ट पर तत्काल अमल करने के निर्देश दिए गये हैं। वहीं, वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा और खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को दिल्ली में रह रहे इन पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में जानकारी जुटाने और उन्हें जल्द से जल्द भारत छोड़ने के लिए कहने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ताजा हुआ पुलवामा अटैक
गौरतलब है कि, मंगलवार 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। सेना की वर्दी में आये आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में पहले पर्यटकों से उनका धर्म पूछा, उनके पहचान पत्र चेक किए और जो हिन्दू थे उन्हें गोली मार दी। मरने वाले 26 लोगों में दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक भी शामिल हैं। इस घटना ने साल 2019 में पुलवामा में हुई आतंकी घटना की याद एक बार फिर से ताजा कर दी।
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