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Rain Caused Havoc: समय से पहले आए मानसून ने मुंबई में मचाई तबाही, 7 लोगों मौत, इन राज्यों में रेड अलर्ट

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मुंबई। Rain Caused Havoc:  इस बार समय से पहले आये मानसून ने पिछले कुछ ही घंटों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में भीषण कहर बरपाया। मुंबई में सोमवार 26 मई को हुई मूसलाधार बारिश और आंधी से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। शहर के कई हिस्सों में 200 मिमी से अधिक बारिश रिकार्ड की गई। मुंबई में मची तबाही के बाद अब  भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के लिए भी भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, क्योंकि इन क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय से पहले आने के कारण भारी बारिश हुई है। आईएमडी ने 27 मई से विशेष रूप से तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भारी बारिश होने की आशंका जाहिर की है, जो एक 1 जून तक जारी रहेगी। इसी तरह, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में 27 से 30 मई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

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बारिश ने तोड़ा 19 साल का रिकार्ड 

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आईएमडी का कहना है कि, मुंबई में 26 मई को हुई बारिश ने 19 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस बारिश से राज्य में संपत्ति को काफी नुकसान पंहुचा है। यहां 29 से अधिक घर नष्ट हो गए हैं जबकि 868 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रभावित नागरिकों की सहायता के लिए वायनाड, इडुक्की और कोझिकोड जिलों में शिविर लगाकर राहत अभियान चलाया जा रहा है। आईएमडी ने आगे चेतावनी दी है कि, केरल और माहे में 27 मई को गरज, बिजली और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाओं के साथ मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। कुछ स्थानों पर भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं, कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है और ये  28 मई से 1 जून तक जारी रह सकती है।

रोका गया मछली पकड़ने का काम 

मौसम में आये बदलाव से बन रही खराब परिस्थितियों के कारण  मछुआरों को पश्चिमी और पूर्वी तटों से दूर रहने की सलाह दी गई है, जिसके चलते केरल, कर्नाटक और गोवा सहित कई राज्यों में मछली पकड़ने का काम रोक दिया गया है। मानसून के समय से पहले आने से केरल और कर्नाटक के लोगों की दिनचर्या बाधित हो गई है। यहां सड़कें और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।  जलाशय उफान पर हैं जिससे स्थिति खराब हो गई है। मौजूदा गंभीर मौसम की स्थिति इस साल मानसून के समय से पहले आने से उत्पन्न चुनौतियों को उजागर करती है।

खोले गये राहत शिविर

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मौसम विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को बताया था कि, पिछले दो दिनों में पुणे में बारिश की वजह से हुई अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस के मुताबिक, खेड़ तहसील के रौंदलवाड़ी निवासी संतोष खांडवे सोमवार दोपहर मछली पकड़ते समय बिजली की चपेट में आ गए। केरल में सोमवार को भी भारी बारिश जारी रही, जिससे कई जगहों पर लोगों को राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा । मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, राज्य में भीषण मानसून ने अब तक चार लोगों की जान ले ली है। यहां  29 घर नष्ट हो गए है जबकि 868 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। वायनाड जिले में पांच और इडुक्की और कोझीकोड जिलों में एक-एक राहत शिविर खोले गए। दक्षिण-पश्चिम मानसून के तेज होने के दो दिन बाद ही राज्य के लगभग सभी जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं ने कहर बरपाया, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हुई। निचले इलाकों में स्थित घरों में पानी भर गया और यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ।

बड़े पैमाने पर उखड़े पेड़

एजेंसी के मुताबिक, लगातार बारिश से बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं, जिससे गांव, कस्बे और ऊंची पहाड़ियां प्रभावित हुई हैं, जबकि कई जिलों में जलस्रोतों के उफान पर होने से निवासियों को खतरा पैदा हो गया है। कुछ मार्गों पर ट्रेन की आवाजाही आंशिक रूप से प्रभावित हुई है। जलभराव के कारण अंतर्देशीय ग्रामीण सड़कों और शहर की सड़कों पर यातायात जाम हो गया है। अधिकारियों ने बताया, कई स्थानों पर पेड़ गिरने से रेल यातायात आंशिक रूप से प्रभावित हुआ और अवरोधों को हटाने के बाद यातायात बहाल कर दिया गया।

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रेलवे के एक बयान में कहा गया है कि, गुरुवायुर-पुंकुन्नम, एर्नाकुलम साउथ-एर्नाकुलम टाउन और अंबालाप्पुझा-अलाप्पुझा के साथ-साथ तिरुवल्ला यार्ड सहित विभिन्न खंडों में पेड़ गिरे हैं। जिला अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि वायनाड के सुल्तान बाथरी के पुझामकुनी गांव के कई आदिवासी परिवारों को लगातार भारी बारिश के कारण राहत शिविरों में ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि, बाथरी में राहत शिविर बनाए गए हैं और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की एक टीम वायनाड जिले में डेरा डाले हुए है।

पांच दिन तक लागू रहेगा रेड अलर्ट

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तटीय कर्नाटक में सोमवार को लगातार तीसरे दिन भारी मानसूनी बारिश हुई, जिससे दक्षिण कन्नड़ जिले में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिससे अधिकारियों को रेड अलर्ट जारी करना पड़ा और आपदा प्रतिक्रिया टीमों को तैनात करना पड़ा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा, तटीय कर्नाटक के लिए रेड अलर्ट अगले पांच दिनों तक लागू रहेगा। रेड अलर्ट 24 घंटे में 20 सेमी से अधिक की अत्यधिक भारी वर्षा को इंगित करता है।

भारी बारिश से निपटने में जल निकासी व्यवस्था विफल होने के कारण मंगलुरु शहर के कई हिस्सों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की सूचना मिली है। दक्षिण कन्नड़ जिले के प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडू राव ने स्थानीय अधिकारियों को लोगों की असुविधा को कम करने के लिए क्षेत्र भर में बारिश से संबंधित व्यवधानों को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अधिकारियों के मुताबिक, जिले भर के पहाड़ी इलाकों से भूस्खलन की छोटी-मोटी घटनाएं सामने आई हैं। थोक्कुट्टू, गुडिनाबली, मार्काडा, पनाम्बुरु और आसपास के इलाकों में भी पानी भर गया है।

कई इलाकों में हुआ भूस्खलन

अधिकारियों ने बताया कि कुमता के पास उत्तर कन्नड़ जिले के कुछ हिस्सों में भूस्खलन की भी खबरें हैं और बेलथांगडी के आसपास नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। राजमार्ग निर्माण कार्य के चलते आवासीय इलाकों में पानी घुसने की शिकायतों के बाद अधिकारियों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

आंधी, बिजली और ओलावृष्टि का आरेंज अलर्ट

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इस बीच, मौसम की शुरुआत में मछली पकड़ने वाली नावें प्रतिकूल समुद्री परिस्थितियों के कारण न्यू मैंगलोर बंदरगाह पर लौट रही हैं। स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार को बताया था कि,  27 मई से हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश, आंधी, बिजली और ओलावृष्टि की संभावना है। मौसम विभाग ने 27 और 28 मई को शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में और 27 मई को कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिलों में आंधी, बिजली और ओलावृष्टि के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि पूरे राज्य में मौसम ज्यादातर शुष्क रहा। 30 और 31 मई को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। 27 मई से एक जून तक निचले, मध्यम व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है।

 

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