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Murshidabad Violence: पीड़ितों से मिलने हिंसाग्रस्त इलाकों में पहुंची महिला आयोग की टीम, राज्यपाल भी आए एक्शन में

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पश्चिम बंगाल। Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद ममता सरकार चारों तरफ से घिर गई हैं। मानवाधिकार आयोग से लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग तक की टीमें हिंसा का हर सच जानना चाहती हैं और ग्राउंड विजिट कर रही हैं। इस बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी एक्शन मोड में आ गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने सबसे पहले मालदा पहुंचकर राहत शिविर में दंगा पीड़ितों से मुलाकात की और बातचीत की। राज्यपाल आज यानी शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा कर सकते हैं।

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आज मुर्शिदाबाद जाएंगे राज्यपाल 

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राजभवन सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल शनिवार को मुर्शिदाबाद के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा भी कर सकते हैं। एनसीडब्ल्यू की टीम भी शुक्रवार रात मालदा में रही और शनिवार को मुर्शिदाबाद पहुंची। एनसीडब्ल्यू की टीम मुर्शिदाबाद हिंसा के केंद्र शमशेरगंज में पीड़ितों से मिल रही है और उन्हें सांत्वना दे रही है। यह टीम उन घरों का भी दौरा कर रही है, जिन्हें जला दिया गया है

वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ हुई हिंसा

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दरअसल, वक्फ संशोधन एक्ट को लेकर सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हलचल मची हुई है। 11 और 12 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर में हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। दंगा और तोड़फोड़ के आरोप में 274 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पूरे इलाके में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। इलाके में अभी भी तनाव है। जुमे की नमाज के बाद हिंसा की चिंगारी सबसे पहले शमशेरगंज प्रखंड के धुलियान में भड़की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी और सुरक्षा बलों से भिड़ गए। हिंसा से घबराए बड़ी संख्या में लोग भागकर नाव के जरिए मालदा के स्कूल पहुंचे। यहां अस्थायी राहत शिविर बनाया गया है। स्थानीय लोग इनकी मदद कर रहे हैं।

कोलकाता हाईकोर्ट ने दिया आदेश

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को पलायन कर रहे लोगों को तत्काल सहायता मुहैया कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रभावित लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने, निरंतर पुलिस गश्त बनाए रखने और भविष्य में शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने एनआईए जांच की याचिका खारिज कर दी। केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, रूपा गांगुली और पार्टी के अन्य नेताओं ने कोलकाता में राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की।

भाजपा युवा मोर्चा आज निकालेगा रैली

मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर तनाव के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज भाजपा युवा मोर्चा को ‘बंगाली हिंदू बचाओ’ रैली आयोजित करने की इजाजत दी है। रैली शाम 4 बजे शुरू होगी। इस रैली में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी भी शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल भाजपा ने कहा, यह रैली नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पैतृक घर से शुरू होगी और कोलकाता के भवानीपुर में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आवास पर समाप्त होगी।

बीएसएफ ने संभाला है मोर्चा

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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा करने वाले हैं। राज्यपाल बोस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुरोध को नजरअंदाज करते हुए मुर्शिदाबाद जाएंगे। यहां वह जमीनी हालात का जायजा लेंगे। वह मुर्शिदाबाद में कानून व्यवस्था की स्थिति देखेंगे। वह पीड़ितों से मिलेंगे। उनकी बात सुनेंगे और यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर हुआ क्या था। वह मुर्शिदाबाद की पूरी सच्चाई पर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। फिलहाल मुर्शिदाबाद में बीएसएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात और सतर्क हैं। हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।

मिथुन चक्रवर्ती ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

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सीएम ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि, अब सब कुछ शांतिपूर्ण है। हालांकि, राज्यपाल सीवी आनंद बोस और राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने कहा कि, वे जमीनी हालात को खुद समझेंगे। वे अपनी आंखों से देख कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि, अगर राज्यपाल की रिपोर्ट में कानून व्यवस्था की खामियां सामने आईं तो क्या होगा? भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग उठाई है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी संकेत दे रहे हैं कि, जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति शासन का विकल्प हमेशा खुला है।

सीएम ममता बनर्जी ने की शांति की अपील

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वहीं, बंगाल सरकार का कहना है कि, हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति अब कंट्रोल में है, लेकिन हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती को अभी बरकरार रखने का आदेश सुरक्षित रखा है। साथ ही चेतावनी दी है कि, कोई भी भड़काऊ बयानबाजी न की जाए। हैरान करने वाली बाते ये है कि, राज्य सरकार पहले मुर्शिदाबाद में पलायन से इनकार कर रही थी, लेकिन अब जंगीपुर से टीएमसी सांसद ने खुद माना है कि पलायन हुआ है। इधर सीएम ममता बनर्जी ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

भाजपा पर लगाया राजनीति करने का आरोप

उन्होंने कहा, दंगा हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख या जैन नहीं करते हैं बल्कि कुछ  आपराधिक प्रवृति के लोग दंगे कराते हैं। आजकल पैसे से बहुत कुछ भी कराया जा सकता है, ऐसे में आपको कुछ अच्छे लोग मिलेंगे, और… कुछ नेता होंगे जो अच्छा होने का दिखावा करके परेशानी खड़ी करेंगे। मुर्शिदाबाद हिंसा और राज्यपाल के दौरे पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, बीजेपी 2019 से राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है, लेकिन हम इस मांग को कोई महत्व नहीं देते हैं, स्थिति खराब थी, लेकिन अब मुर्शिदाबाद में स्थिति ठीक है, शांति बहाल हो गई है। भाजपा राजनीति कर रही है। किसी भी तरह से वे बंगाल में 2026 का चुनाव जीतना चाहते हैं। बंगाल के राज्यपाल भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। वे भाजपा के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं और अपने पद का दुरूपयोग कर रहे हैं।

पीड़ितों ने लगाया पुलिस पर आरोप

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मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की टीमों के दौरे के बाद शुक्रवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मालदा के एक हाईस्कूल में बनाए गए राहत शिविर का भी दौरा किया। इस स्कूल में मुर्शिदाबाद दंगा के सैकड़ों पीड़ितों ने शरण ले रखी है। पीड़ितों ने टीमों के सामने अपनी आपबीती सुनाई। शिविर में रह रहे लोगों ने स्थानीय पुलिस पर उनके साथ कैदियों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया और विरोध भी किया।

शिविर में मौजूद लोगों से मिले राज्यपाल

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एनएचआरसी और एनसीडब्ल्यू की टीमों ने शुक्रवार को परलालपुर हाईस्कूल स्थित राहत शिविर में पीड़ितों से मुलाकात की। इस बीच राज्यपाल बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आग्रह को भी नजरअंदाज कर शिविर में पीड़ितों से बातचीत की। राज्यपाल बोस ने शिविर में मौजूद लोगों को आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द उनकी शिकायतों का समाधान किया जायेगा। कोलकाता से ट्रेन द्वारा मालदा पहुंचे बोस ने कहा, “मैंने शिविर में रह रहे परिवारों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें समझा। उन्होंने मुझे विस्तार से बताया कि, वे क्या चाहते हैं। इस पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। राज्यपाल ने कहा, वे मौके पर जाकर रिपोर्ट की पुष्टि करेंगे। वे अस्पतालों, आवासों और राहत शिविरों का दौरा करेंगे। केंद्रीय बल और राज्य पुलिस मिलकर काम कर रहे हैं और स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी। मैं दौरे के बाद अपनी सिफारिशें भेजूंगा।”

महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़

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एनएचआरसी की टीम ने घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया और पीड़ितों से बात की और कहा, वे गंभीरता को देखते हुए मौके पर जांच करेंगे। राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में महिला आयोग की टीम ने भी शिविर का दौरा किया। रहाटकर ने कहा, मैं यहां महिलाओं और बच्चों की हालत देखकर स्तब्ध हूं। उन्हें जबरन उनके घरों से निकाल दिया गया और वे असहनीय पीड़ा से गुजरे हैं।

कब हुई हिंसा

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सदस्य अर्चना मजूमदार ने आरोप लगाया कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्हें जबरन बेघर कर दिया गया। मजूमदार ने कहा, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। क्या टीएमसी सरकार बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती है? 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में हिंसक विरोध प्रदर्शन में 3 लोगों की मौत हो गई। 15 अप्रैल को हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन की बात सामने आई। 16 अप्रैल को सीएम ममता बनर्जी ने इमामों और मौलानाओं के साथ बैठक की। 17 अप्रैल को ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में हिंसा पर अपनी रिपोर्ट पेश की।

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