



लखनऊ। BSP Rally: आज कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर पूरा लखनऊ नीले रंग में रंग उठा था, वजह थी बहुजन समाज पार्टी (बसपा ) की वह रैली, जिसमें उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की मुखिया मायावती ने पूरे नौ साल बाद शक्ति प्रदर्शन किया। इस रैली में प्रदेश भर से लाखों की संख्या में कार्यकर्ता आये और अपने नेता को ताकत का एहसास दिलाया। रैली के जरिये बसपा मुखिया ने विपक्षी पार्टियों को बता दिया कि, वह भले ही लंबे समय से सत्ता से दूर हैं, लेकिन उनकी ताकत आज भी बरकरार है।
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अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी पार्टी
रैली को संबोधित बसपा मुखिया ने कहा 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी। ऐसे में उसे पार्टी कार्यकर्ताओं की फुल सपोर्ट की जरूरत है। बहन जी ने मंच से वादा किया कि, अगर प्रदेश में बसपा की सरकार बनती है, तो ऐसे सभी कानूनों को बदल दिया जायेगा, जो दलितों और पिछड़ों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा प्रदेश में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की सोच वाली सरकार रहेगी। रोजी-रोजगार की भी पूर्ण व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसी को काम के लिए प्रदेश को पलायन न करना पड़े।
खुद के पैसे से आए कार्यकर्ता
रैली में उमड़ी भीड़ से गदगद मायावती में कहा, यहां किसी को पैसे देकर नहीं बुलाया गया है, यहां आने के लिए हर एक कार्यकर्ता ने अपनी गाढ़ी कमाई खर्च की है जबकि अन्य दल जब रैली करते हैं, तो उन्हें भीड़ जुटाने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं। पूर्व सीएम ने कहा, पहले भी बसपा की रैलियां हुई हैं, लेकिन इस बार की रैली में उमड़ी भीड़ ने पहले के सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। आज इस मैदान में पहुंचे सभी कार्यकर्ताओं के उत्साह को देखकर साफ लग रहा है कि 2027 में प्रदेश में बसपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता।
आकाश आनंद की तारीफ की
उन्होंने कहा, जातिवादी पार्टियां संविधान बदल रही हैं, दलितों की उपेक्षा कर रही हैं, लेकिन हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। इसके लिए बसपा का सत्ता में आना अनिवार्य है। मायावती ने मंच से भतीजे आकाश आनंद की तारीफ़ की और कहा, मेरे मार्गदर्शन में आकाश जनाधार बढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और इस काम में बसपा समर्थकों का भी उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है।
बूथ स्तर पर सभा करें कार्यकर्ता
उन्होंने, बसपा समर्थकों से अपील की, कि वे हर परिस्थिति में आकाश का साथ दें। मायावती ने कहा, हमें अपने दलित समाज के नेताओं और बाबा साहेब के संविधान को सुरक्षित रखना होगा, भले ही इसके लिए हमें कितना ही संघर्ष क्यों न करना पड़े। अब समय आ गया है, कि बसपा समर्थक बूथ स्तर पर छोटी-छोटी सभाएं कर बसपा के चारों शासन काल में किये गये कार्यों और उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाएं।
कहा-गठबंधन नहीं करेगी पार्टी
मायावती ने कहा, इस बार बसपा किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी, क्योंकि गठबंधन करने पर बसपा का वोट तो सहयोगी पार्टियों को मिल जाता है, लेकिन बसपा प्रत्याशी को उनके समर्थकों का वोट नहीं मिलता। साथ ही पार्टी ने जब भी गठबंधन करके सरकार बनाई, तब सरकार बीच में गिर गई। यही कारण है कि, इस बार पार्टी ने अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। अगर इस चुनाव के पार्टी जीतती है और सरकार बनाती है तो दलितों और पिछड़ों के खिलाफ बनाये गये सभी कानूनों को रद्द कर दिया जायेगा।
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विपक्षियों ने किया षड्यंत्र
उन्होंने कहा, साल 2007 में बसपा ने जिस तरह से पूर्ण बहुमत हासिल किया था और प्रदेश में सरकार बनाई थी, बहुत हद तक उम्मीद थी कि, हम जल्द ही केंद्र में अपनी सरकार बना लेते, लेकिन बीजेपी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने उसके खिलाफ षड्यंत्र करना शुरू कर दिया, नतीजतन पार्टी केंद्र की सत्ता तक नहीं पहुंच सकी, और जो रही सही कसर थी, उसे ईवीएम ने पूरा कर दिया। उन्होंने कहा, चुनाव बैलेट पेपर से भी कराये जा सकते हैं। विपक्षी दलों ने बसपा को कमजोर करने के लिए ऐसे बिकाऊ लोगों को पैसे के दम पर अपनी तरफ कर लिया, जो दलितों के वोट को बांट सकें।
धर्म पर टिप्पणी कर खराब किया जा रहा माहौल
बहन जी कहा, इन दिनों कुछ लोग एक दूसरे के धर्मों पार टिप्पणी कर रहे हैं और देश व प्रदेश का माहौल खराब कर रहे हैं, जब कि बाबा भीम राव अंबेडकर का संविधान ये नहीं कहता है। बाबा साहेब के संविधान में सभी धर्मों के सम्मान की बात कही गई है। धर्म की आड़ में राजनीति नहीं करनी चाहिए, लेकिन आज के समय में हर कोई अपनी राजनीति चमकाने के लिए धर्म की आड़ ले रहा है।
कांग्रेस ने किया बाबा साहेब का अपमान
उन्होंने कहा, देश में आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने बाबासाहेब के संविधान का अपमान किया था। कांग्रेस के लोगों ने कभी भी बाबा साहेब का सम्मान नहीं किया, लेकिन आज वे हाथ में संविधान की प्रति लेकर नाटक बाजी कर रहे हैं। इसी तरह से सपा की सरकार में दलितों-पिछड़ों का उत्पीड़न किया गया। सपा सरकार में गुंडों और अराजकतत्वों को बखूबी संरक्षण मिलता है।
गुंडे माफियाओं को संरक्षण देती है सपा
यही वजह है कि, जब भी प्रदेश में सपा की सरकार होती है, यहां कानून नाम की चीज नहीं रह जाती है, जंगलराज हो जाता है। चाहे सपा हो, भाजपा हो या फिर कांग्रेस किसी ने भी दलितों के हक की बात नहीं कि, और न उन्हें उनका हक दिया। और तो और समाजवादी पार्टी ने तो पदोन्नति में आरक्षण देने वाला बिल तक सदन में फाड़ दिया। दलितों-पिछड़ों के साथ हमेशा अन्याय हुआ है। अखिलेश यादव पर मंच से हमला बोले हुए मायावती ने कहा, मैंने सुना है कि सपा मुखिया अब अपने भाषणों में कांशीराम स्मारक बनाने की बात करते हैं, लेकिन मैं उनसे पूछ रहीं हूं कि जब वे सत्ता थे तब उन्हें दलितों और पिछड़े समाज के संतों की याद नहीं आई?
कांशीराम को अर्पित की श्रद्धांजलि
जब वे सत्ता से बाहर होते हैं तभी उन्हें दलितों और पिछड़ों की याद क्यों आती है। दलित वर्ग को ऐसे दोगले लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। अखिलेश यादव आज कांशीराम स्मारक बनाने की बात करते हैं, लेकिन मैंने जिन स्मारकों का नाम कांशीराम के नाम पर रखा था, उनका नाम उन्होंने ही बदला था। रैली में मायावती ने पार्टी के संस्थापक कांशराम को श्रद्धांजलि अर्पित की और वह उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।
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