



Business News: आज के इस महंगाई के जमाने में बहुत से लोग घर खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं, जिसकी भरपाई उन्हें मासिक किस्तों में करनी होती है। हालांकि, कई बार होम लोन का भारी ब्याज इन्सान पर बोझ बना जाता है। ऐसे में लोग इसे समय से पहले चुकाने के बारे में सोचते हैं। होम लोन का प्री-पेमेंट एक ऐसा विकल्प है, जिससे न सिर्फ ब्याज के खर्च को कम किया जा सकता है बल्कि लोन की अवधि से पहले ही फाइनेंशियल फ्रीडम मिल जाती है। आइये जानते हैं होम लोन प्री पेमेंट क्या है…
इसे भी पढ़ें- Inflation Bites: महंगाई ने फीका किया त्यौहारों का उत्साह, महंगे आइटम खरीदने से बच रहे लोग
मिल जाती है वित्तीय आजादी
होम लोन प्री-पेमेंट का मतलब है कि लोन की समय सीमा पूरी होने से पहले ही उसका कुछ हिस्सा चुका देना। जब आप लोन का कुछ हिस्सा समय से पहले चुका देते हैं, तो बैंक उस पर ब्याज दर भी कम कर देता है, जिससे कुल ब्याज खर्च में बचत हो जाती है। साथ ही लोन जल्द खत्म होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा करके आप भविष्य में वित्तीय आजादी पा सकते हैं। हालांकि, प्री-पेमेंट से पहले इस विकल्प से जुड़े चार्ज और शर्तों को समझ लेना आवश्यक होता है, वरना मुश्किल हो सकती है।
ये हैं जरूरी शर्तें
जानकार बताते हैं कि बैंक और वित्तीय संस्थान होम लोन के प्री-पेमेंट पर एक पेनल्टी चार्ज लेते हैं। यह चार्ज बकाया राशि का एक प्रतिशत या फिर एक फ्लैट शुल्क हो सकता है, जो लोन के शुरुआती वर्षों में लागू किया गया होता है। हालांकि कुछ बैंक प्री-पेमेंट को बिना पेनल्टी के ही ले लेते हैं, लेकिन ये ब्याज की कुल गणना पर निर्भर होता है। लोन के एग्रीमेंट में भी इस बात का बकायदा उल्लेख होता है, इसलिए एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे पूरी तरह से पढ़ और समझ लेना चाहिए।
होते हैं ये फायदे
होम लोन प्री-पेमेंट करने से ब्याज पर दिया जाने वाला अतिरिक्त खर्च बच सकता है। साथ ही आपकी मासिक किस्तें कम हो जाती हैं। ऐसा करके आर्थिक राहत पाई जा सकती है। हालांकि होम लोन का प्री पेमेंट करने में अगर आप इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसकी कुछ व्यवस्था जरूर कर लें कि कभी कोई इमरजेंसी आ गई तो हालात को कैसे मैनेज करेंगे।
रखें इस बात का ध्यान
होम लोन का प्री-पेमेंट करने से पहले पेनल्टी चार्ज और ब्याज पर संभावित बचत का कैलकुलेशन जरूर कर लें। कई बार पेनल्टी की राशि इतनी ज्यादा होती है कि ये ब्याज पर होने वाली बचत से ज्यादा बोझिल लगने लगता है। यही वजह है कि सभी संभावित खर्चों का आकलन करके ही प्री-पेमेंट करने का फैसला करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें-Inflation: खाने की थाली पर भी पड़ा महंगी सब्जियों का असर, 20 फीसदी तक बढ़े दाम