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Taiwan–China Dispute: पेंटागन की रिपोर्ट ने बड़ा दावा, 2027 तक ताइवान पर हमला कर देगा चीन

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Taiwan–China Dispute

अमेरिका। Taiwan–China Dispute: पेंटागन की रिपोर्ट में चीन को लेकर एक अहम खुलासा हुआ है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कुछ समय पहले ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए किसी भी तरह की ताकत का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया था, लेकिन पेंटागन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना गुपचुप तरीके से ताइवान पर हमला करने की तैयारी कर रही है।

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सैन्य ताकत बढ़ा रहा चीन 

पेंटागन ने कहा कि चीनी सेना 2027 तक सैन्य आधुनिकीकरण के लक्ष्य की दिशा में काम कर रही है। योजना के अनुसार, 2027 तक आधुनिकीकरण लक्ष्यों में खुफिया, मशीनीकरण और अन्य उपकरणों के एकीकरण में तेजी लाने के साथ-साथ सैन्य सिद्धांत, कर्मियों के आधुनिकीकरण में तेजी लाना शामिल है। हालांकि भ्रष्टाचार के कारण इन लक्ष्यों की दिशा में उसकी प्रगति कुछ धीमी हुई है।

सेना में भ्रष्टाचार की वजह से कमजोर हुआ लक्ष्य

दरअसल, चीन की सेना में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार की वजह से जिनपिंग सरकार को कई उच्च-रैंकिंग अधिकारियों को बर्खास्त करना पड़ा। इसके चलते साल 2027 तक सेना को आधुनिक बनाने का उसका लक्ष्य कमजोर हो गया है। बावजूद इसके यू.एस. सीआईए के निदेशक समेत अधिकारियों का कहना है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना को 2027 तक ताइवान पर हमला करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है। इसी वजह से चीनी सेना तेजी से अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार कर रही है।

 परमाणु ताकतों को विस्तार दे रहा ड्रैगन 

पेंटागन ने कहा कि चीन इस उद्देश्य के लिए अपनी परमाणु ताकतों को भी विस्तार दे रहा है। हालांकि भ्रष्टाचार ने चीनी सेना को कमजोर कर दिया है, लेकिन चीन ने अपनी परमाणु शक्ति के विस्तार में अभूतपूर्व प्रगति की है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पिछले साल अपने परमाणु शस्त्रागार में कम से कम 100 नए हथियार जोड़े और 2030 तक इनकी संख्या 1,000 करने का लक्ष्य है।

रॉकेट फ़ोर्स के कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया 

भ्रष्टाचार ने चीन की सेना पर पहले से ही काफी प्रभावित किया है। भ्रष्टाचार की वजह से चीनी सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया गया है या फिर बदल दिया गया  है, जिसके चलते से डिफेंस इंडस्ट्री समेत तमाम मिलिट्री प्रोजेक्ट की गति भी धीमी हुई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के रॉकेट फोर्स से कई सीनियर अधिकारियों को हटा दिया गया है। यह PLA की एक स्पेशल यूनिट है जो सबसे उन्नत पारंपरिक और परमाणु मिसाइलों की देखभाल करती है।

पीएलए पर बढ़ा जिनपिंग का भरोसा

रिपोर्ट के मुताबिक, पीएलए की मिसाइल फोर्स की क्षमताओं के कारण सेना में भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद चीनी सरकार का पीएलए पर भरोसा बढ़ा है। भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बीच भी पीएलए ने अपनी आधुनिकीकरण क्षमताओं में काफी प्रगति की है। इस कारण से यह माना जाता है कि यदि पीएलए 2027 तक अपने आधुनिकीकरण लक्ष्यों को प्राप्त कर लेता है तो चीन पीएलए को ताइवान पर नियंत्रण हासिल करने के लिए एक अधिक विश्वसनीय सैन्य उपकरण बना सकता है।

ताइवान के प्रति आक्रामक रुख रखता है चीन

इस बीच, ताइवान के शीर्ष सैन्य थिंक टैंक द्वारा अक्टूबर में जारी एक सर्वेक्षण में पाया गया कि अधिकांश ताइवानी मानते हैं कि अगले पांच वर्षों में चीनी हमले की संभावना नहीं है, लेकिन वे बीजिंग को एक गंभीर खतरे के रूप में देखते हैं। चीनी सेना ने ताइवान के आसपास अपनी गतिविधियों में काफी विस्तार किया है। चीनी सरकार ने बार-बार ताइवान के प्रति आक्रामक रुख अपनाया है, जिसके चलते ये माना जा रहा है कि चीन अपनी ताकत का इस्तेमाल कर ताइवान पर नियन्त्रण हासिल कर सकता है।

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