Home » Uncategorized » Pahalgam Aatanki Hamla: युद्ध हुआ, तो किसका साथ देगा अमेरिका, भारत का या पाकिस्तान का, क्या कहते हैं विशेषज्ञ

Pahalgam Aatanki Hamla: युद्ध हुआ, तो किसका साथ देगा अमेरिका, भारत का या पाकिस्तान का, क्या कहते हैं विशेषज्ञ

News Portal Development Companies In India
Pahalgam Aatanki Hamla

नई दिल्ली। Pahalgam Aatanki Hamla:  हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। इसके बाद से दुनिया की नजर भारत और पाकिस्तान पर है। वहीं भारत के लोग भी ये जानने को बेताब हैं कि, पीएम मोदी इस हमले का बदला कैसे और कब लेंगे। इधर, अमेरिका का कहना है कि, वह इस हमले के बाद उपजे तनाव को लेकर भारत-पाकिस्तान दोनों के संपर्क में है और उनसे एक जिम्मेदार समाधान की दिशा में काम करने की बात कर रहा है।

इसे भी पढ़ें- Swami Avimukteshwarananda का सवाल, जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, तब कहां थे चौकीदार

अमेरिका ने भारत के प्रति जताया समर्थन

Pahalgam Aatanki Hamla

हमले के बाद अमेरिकी सरकार ने भारत के प्रति समर्थन जताया है, लेकिन पाकिस्तान के इस कृत्य की अभी तक निंदा नहीं की। भारत ने 22 अप्रैल को ही पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया दिया था। बावजूद इसके अमेरिका ने पाकिस्तान की आलोचना नहीं की। हालांकि, पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और आतंकी हमले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें दो विदेशी और दो स्थानीय नागिरक भी शामिल थे। चश्मदीदों का कहना है कि, मारने से पहले आतंकियों ने लोगों ने उनका धर्म पूछा था और पहचान पत्र चेक किये थे।

घटनाक्रम पर है अमेरिका की नजर

Pahalgam Aatanki Hamla

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि, ‘यह एक नई स्थिति है और हम पूरी घटना पर ध्यान रखे हुए हैं। हम भारत और पाकिस्तान की सरकारों से कई स्तरों पर संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, अमेरिका ने दोनों पक्षों से अपील की है कि, वे एक जिम्मेदार समाधान निकाले और उस पर काम करें।’ उन्होंने ये भी कहा कि, वाशिंगटन भारत के साथ है और पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता है। बता दें कि, भारत एशिया में अमेरिका का एक बड़ा साझेदार है। यहां वाशिंगटन का लक्ष्य चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना है। इसके लिए वह इस क्षेत्र में भारत के साथ अच्छे संबंध रखता है।

अमेरिका का करीबी साझेदार है भारत

वहीं, पाकिस्तान भी लंबे समय से अमेरिका का सहयोगी रहा है। हालांकि, 2021 में पाकिस्तान के पड़ोसी देश अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद वाशिंगटन के लिए उसकी अहमियत कम हो गई। दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ और फॉरेन पॉलिसी पत्रिका के लेखक माइकल कुगेलमैन का कहना है कि, पकिस्तान की तुलना के भारत अब अमेरिका का बेहद करीबी साझेदार है। कुगेलमैन ने एक बातचीत में कहा, “इससे इस्लामाबाद चिंतित हो सकता है कि, अगर भारत सैन्य जवाबी कार्रवाई करता है, तो अमेरिका उसके आतंकवाद विरोधी उपायों के प्रति सहानुभूति रख सकता है और उसके रास्ते में बाधा डालने की कोशिश नहीं करेगा।”

पकिस्तान को छोड़ सकता है उसके हाल पर

Pahalgam Aatanki Hamla

कुगेलमैन ने कहा, अमेरिका पहले से ही यूक्रेन-रूस और इजरायल-हमास युद्ध में बुरी तरह से उलझा हुआ है। वह इन दोनों युद्धों को खत्म करने के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रहा है। ऐसा भी कह सकते हैं कि, ट्रंप प्रशासन वैश्विक मंच पर काफी कुछ संभाल रहा है और कम से कम भारत के साथ तनाव के शुरुआती दिनों में तो वह पाकिस्तान को उसके हाल पर भी छोड़ सकता है। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत और हडसन इंस्टीट्यूट के सीनियर फेलो हुसैन हक्कानी का मानना है कि, फिलहाल अमेरिका भारत-पाकिस्तान विवाद में हस्तक्षेप करने की इच्छा नहीं रखता। उनका कहना है कि, ‘भारत लंबे समय से आतंकवाद के पनपने या सीमा पार से आतंकवाद को समर्थन मिलने की शिकायत करता रहा है।

वहीं, पाकिस्तान को लंबे समय से लगता रहा है कि, भारत उसे खंडित करना चाहता है। अक्सर ही दोनों देश उन्माद की स्थिति में पहुंच जाते हैं। यही वजह है कि, इस बार अमेरिका हालात को शांत करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं ले रहा है।’ हालांकि, चीन ने भी पहलगाम हमले की निंदा की, लेकिन इसमें पाकिस्तान की संलिप्तता पर कुछ भी नहीं बोला।

चीन भी नहीं डालेगा अड़ंगा 

Pahalgam Aatanki Hamla

एक्सपर्ट्स का कहना है कि, भले ही चीन भारत के मुकाबले पाकिस्तान के अधिक करीब है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका की ओर से पेश हो रही चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत के साथ खड़ा होना उसकी मजबूरी है। ऐसे में भारत अगर जवाबी सैन्य कार्रवाई करता है, तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि ,उसे चीन की ओर से किसी तरह के प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा क्योंकि अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध के बीच बीजिंग नहीं चाहेगा कि, भारत के साथ उसके व्यापारिक  रिश्तों पर कोई भी मुश्किल आये।

कल्पना से भी बदतर मिलेगी सजा- मोदी

Pahalgam Aatanki Hamla

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम के हमलावरों को पाताल से भी ढूढकर लाने और सजा देने की कसम खाई है। मोदी का कहना है कि पहलगाम के आतंकियों को ऐसी सजा मिलेगी, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। इधर, भारत के लोग पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि, इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। जैसे कि, भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जो सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल-बंटवारे को नियंत्रित करती है।

वहीं, पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि, पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाला आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) लश्कर-ए-तैयबा (LET) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से जुदा हुआ है और इसे पाकिस्तान की सेना और आईएसआई का पूरा समर्थन भी मिला है।

 

इसे भी पढ़ें- Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम पीड़ितों के साथ है देश की 140 करोड़ जनता

Leave a Comment

Modi 3.0 के पहले आम बजट से मिडिल क्लास को मिलेगी राहत?