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Workshop At Sai College: कला के लिए चाहिए समय और अभ्यास

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  • साई कॉलेज में संगीत, नाटक और शिल्प से सजी तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन

अम्बिकापुर। Workshop At Sai College: श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में शिक्षा विभाग के तत्वावधान में मूर्ति शिल्प, संगीत और नाटक से सजी तीन दिवसीय कार्यशाला का शनिवार को समापन हो गया। कार्यशाला के समापन अवसर पर 143 प्रतिभागियो को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि संगीत, नाटक और शिल्प की विभिन्न विधाएं अभ्यास तथा समय चाहती हैं। आप जितना परिश्रम करेंगे, कला निखरती जायेगी।

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143 विद्यार्थियों ने किया कौशल प्रदर्शन

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तीन दिनों की गतिविधियों से अवगत कराते हुए शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य ने कहा कि 143 विद्यार्थियों ने तीन विधायों में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। मूर्ति शिल्प, एल्क्रेलिक आर्ट, गोदना आर्ट, रंगीन मोमबत्ती का प्रशिक्षण बहुत ही बेहतरीन रहा। उन्होंने बताया कि नाटक में वाचिक, आंगिक अभिनय विधा से कलाकारों को मनोबल बढ़ा।

आकर्षण का केंद्र बनी गोदना कला

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गीत-संगीत ने माहौल को हमेशा ताजा बनाये रखा। मंच पर भगवान गणेश की विभिन्न भंगिमायें भक्तिभाव का संचार कर रही थीं तो गोदना आर्ट से सजी सरगुजिहा कला आकर्षण का केन्द्र बनी रही। इस दौरान कलाकारों ने मुम्बई हमले पर आधारित आखिर कब तक नाटक की प्रस्तुति दी जो करूण क्रंदन में समा गया। संदेशे आते हैं देशभक्ति गीत की प्रस्तुति हुई।

श्रेष्ठ जीवन देता है संगीत

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए रंगमंच के विशेषज्ञ कृष्णानन्द तिवारी ने कहा कि नवोदित कलाकारों ने जो तीन दिनों में सीखा यह उनकी काबलियत है। आखिर कब तक नाटक की प्रस्तुति उनकी संवेदनशीलता की झलक है। संगीत के विशेषज्ञ भानु शंकर झा ने संगीत और सुर के लिये सभी को आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि संगीत हमें श्रेष्ठ जीवन देता है। इसके लिए नियमित अभ्यास की जरूरत है।

प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर

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शिल्प विशेषज्ञ अर्चिता सिन्हा ने नये कलाकारों की दक्षता और कौशल से प्रभावित होकर उन्हें और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसे रोजगार के रूप में अपनाया जा सकता है।अनुष्का सिंह परिहार, विधि पांडेय, रागिनी तिवारी ने अपने अनुभव साझा किया।

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डॉ. राजेश श्रीवास्तव और शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश शाक्य ने संगीत के विशेषज्ञ भानु शंकर झा, शिल्प की विशेषज्ञ अर्चिता सिन्हा और रंगमंच के सिद्धस्थ कृष्णानन्द तिवारी को स्मृति प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन अदिति भारती, अनुष्का सिंह परिहार, निशा निषाद और विधि पांडेय ने किया। कार्यक्रम के दौरान सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

 

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