



बीजिंग। SCO Summit 2025: शंघाई शिखर सम्मेलन में शिरकत करने चीन की यात्रा पर गये पीएम नरेंद्र मोदी को बड़ी सफलता मिली है। इस सम्मेलन में बीते 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई। इस आलोचना से दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश गया। साथ ही भारत के साथ सभी एससीओ सदस्य देशों की एकजुटता भी दिखी। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में सीमा पार से आये आतंकियों ने 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
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राजनाथ सिंह ने नहीं किया था संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर
चीन के तियानजिंग में हुए शिखर सम्मेलन में शामिल सभी सदस्य देशों ने पहलगाम में हुई आतंकी घटना की कड़ी निंदा की। बता दें कि, पाकिस्तान जिसकी धरती से भारत में आतंकवाद फैलाया जाता है, वह भी इस संगठन का सदस्य है। दरअसल, इससे पहले भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी गत 26 जून को चीन के किंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की हुई बैठक में संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि इस घोषणापत्र में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र नहीं क्या गया था, जबकि पाकिस्तान के संदर्भ में घटनाओं का जिक्र किया गया था।
सदस्य देशों ने किया हस्ताक्षर
हालांकि, तियानजिन SCO के घोषणापत्र में भी पाकिस्तान का नाम पहलगाम हमले के संदर्भ में नहीं लिया गया, लेकिन सभी सदस्य देशों ने आतंकवाद को दुनिया के लिए खतरा मानते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा कि और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने पर बल दिया। एससीओ में आतंकवाद के खिलाफ पेश किये गये घोषणापत्र में रूस, चीन और ईरान समेत 10 स्थायी सदस्य देशों ने हस्ताक्षर किए।
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Had an excellent meeting with President Putin on the sidelines of the SCO Summit in Tianjin. Discussed ways to deepen bilateral cooperation in all sectors, including trade, fertilisers, space, security and culture. We exchanged views on regional and global developments, including… pic.twitter.com/DhTyqOysbf
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
पीएम मोदी ने नहीं लिया पाक का नाम
सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान आतंकवाद की निंदा करते समय भी पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन कुछ राष्ट्रों द्वारा आतंकवाद को दिए जा रहे खुले समर्थन को उजागर भी किया। उन्होंने कहा, आज आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है और भारत इसके खिलाफ पूरी मजबूती के साथ खड़ा है।
दोहरा मानक स्वीकार नहीं
उन्होंने कहा, एससीओ इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है। पीएम ने कहा, दोहरा मानक स्वीकार नहीं है। एससीओ घोषणापत्र में भी स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि, सभी सदस्य देश, आतंकवाद के सभी स्वरूपों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मानकों को अस्वीकार करते हैं।
Sharing my remarks during meeting with President Putin. https://t.co/PADOdRjsBs
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
मृतकों व घायलों के प्रति जताई गई संवेदना
एससीओ में शामिल सभी सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद और आतंकवादियों के सीमा पार आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई करने की भी अपील की गई। घोषणापत्र में ये भी कहा गया कि 22 अप्रैल 2025 को भारत के जम्मू कश्मीर स्थित पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की जाती है और मृतकों व घायलों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की जाती है।
शी जिनपिंग और पुतिन के साथ हुई बैठक
इस कूटनीतिक जीत के साथ ही पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई, जो अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते व्यापारिक तनाव को देखते हुए काफी अहम मानी जा रही है।
Sharing my remarks during the SCO Summit in Tianjin. https://t.co/nfrigReW8M
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
गौरतलब है कि, रूस से तेल खरीदने से नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। हालांकि भारत इस धमकी के आगे नहीं झुका और अमेरिका के इस दावे को चुनौती देते हुए स्पष्ट कर दिया कि यह मुनाफाखोरी नहीं है। भारत के तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि, भारत के रूस से तेल खरीदने की वजह से बाजार में स्थिरता है और कीमतें भी नहीं बढ़ रही हैं।
भारत से नाराज हैं ट्रंप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार ने ट्रंप के उसे दावे का समर्थन नहीं किया, जिसमें वह कहते हैं कि, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को उन्होंने ही रोका था, जिससे ट्रंप नाराज हैं। बता दें कि, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि द्विपक्षीय मामलों में वह किसी तृतीय पक्ष का हस्तक्षेप नहीं मानेगा और न ही वह किसी और के दबाव में कोई निर्णय लेगा।
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