



पंजाब। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी की कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंपा। श्री बादल ने उन सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनके नेतृत्व पर विश्वास जताया और उनके कार्यकाल के दौरान उनका समर्थन और सहयोग किया था।
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चीमा को बनाया जा सकता है नया अध्यक्ष
शिरोमणि अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने नये अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ करने के लिए आज पार्टी की कार्य समिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया। बता दें कि सुखबीर सिंह बादल ने साल 2008 में शिरोमणि अकाली दल की कमान संभाली थी। बादल ने 16 साल, दो महीने तक शिअद अध्यक्ष के तौर पर काम किया और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए। सुखबीर सिंह बादल से पहले पार्टी का नेतृत्व उनके पिता प्रकाश सिंह बादल कर रहे थे। पार्टी को उनके नेतृत्व पर पूरा भरोसा था।
The SAD President S Sukhbir Singh Badal submitted his resignation to the working Committee of the party today to pave the way for the election of new President. He thanked all the party leaders & workers for expressing confidence in his leadership and extending wholehearted…
— Dr Daljit S Cheema (@drcheemasad) November 16, 2024
उल्लेखनीय है कि पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। इसी बीच सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि बादल के इस्तीफे के बाद अब चीमा को पार्टी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
लगातार मिल रही हार से थे दबाव में
इधर सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शिअद को लगातार चुनावों में मिल रही करारी हार के दबाव में बादल को अपना पद छोड़ना पड़ा। पार्टी के बागी नेताओं ने अकाल तख्त से सुखबीर बादल की शिकायत की थी। उन्होंने राज्य में हुई बेअदबी की कई घटनाओं के लिए तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर बादल को भी जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तनखैया (धार्मिक अपराधों का दोषी) घोषित किया था। हालांकि, अभी तक इस मामले में सजा का ऐलान नहीं किया गया है।
अकाल तख्त से नहीं मिली माफी
गौरतलब है कि गत 1 जुलाई को, पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पूर्व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) प्रमुख बीबी जागीर कौर सहित अकाली दल के कई बागी नेता अकाल तख्त के सामने पेश हुए थे। उन्होंने 2007 और 2017 के बीच पार्टी सरकार द्वारा की गई “गलतियों” के लिए माफी मांगी, लेकिन बादल को इस मामले में अकाल तख्त से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद अकाली दल ने 24 अक्टूबर को ऐलान की वह उपचुनाव नहीं लड़ेगा।
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