संभल। ASI Survey In Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक प्राचीन बावड़ी मिली है। यहां चंदौसी के लक्ष्मण गंज इलाके में दो दिन की खोदाई के बाद करीब 150 साल पुरानी एक बावड़ी मिली, जो 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। बताया जा रहा है कि ये बावड़ी लगभग 250 फीट गहरी है।
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शनिवार से चल रही है खोदाई
चंदौसी नगर पालिका के वरिष्ठ अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने जानकारी देते हुए बताया कि साइट पर खोदाई का काम शनिवार को शुरू हुआ था। ये खोदाई 13 दिसंबर को भस्म शंकर मंदिर के खुलने के बाद से जारी है। बता दें कि ये भस्म शिव मन्दिर लगभग 46 वर्षों से बंद पड़ा था। अधिकारियों का कहना है कि उन्हें आक्रमण विरोधी अभियान के दौरान संरचना के बारे में जानकारी मिली थी। इस दौरान यहां दो क्षतिग्रस्त मूर्तियां मिलीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसका निर्माण बिलारी के राजा के नाना के शासनकाल के दौरान हुआ था।
125 से 150 वर्ष पुरानी है बावड़ी
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया के मुताबिक ने बताया कि इस प्राचीन बावड़ी के पुरातात्विक सर्वेक्षण की संभावना पर विचार किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर एएसआई से भी अनुरोध किया जायेगा। उन्होंने अनुमान जताया है कि बावड़ी की आयु लगभग 125 से 150 वर्ष है। इसके साथ ही डीएम ने बावड़ी के पास स्थित बिहारी बैंक मंदिर को लेकर भी चिंता व्यक्त की है। इस मंदिर की हालत फिलहाल बहुत अच्छी नहीं है।
तालाब के रूप में रजिस्टर्ड थी बावड़ी
डीएम राजेंद्र पैंसिया का ये भी कहना है कि यह पहले तालाब के रूप में दर्ज थी। बावड़ी संरचना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी सबसे ऊपरी मंजिल ईंटों से बनी है जबकि दूसरी और तीसरी मंजिल संगमरमर से बनी है। यहां चार कमरे और एक फव्वारा भी है। अब तक की खोदाई में बावड़ी के अंदर 4 दरवाजे मिल चुके हैं। मूर्तियों के साथ एक दर्जन से अधिक आले भी मिले हैं। बावड़ी के प्रवेश द्वार पर प्राचीन नक्काशी के निशान भी पाए गए हैं। माना जा रहा है कि ये मंदिर 150 साल पुराना हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि संरचनाओं को नुकसान से बचाने के लिए सावधानीपूर्वक काम किया जा रहा है। फ़िलहाल खोदाई का काम जारी रहेगा और इलाके से अतिक्रमण भी हटाया जाएगा।
मंदिर में मिलीं दो मूर्तियां
बांकेबिहारी मंदिर के संबंध में डीएम ने बताया कि इस मंदिर में दो मूर्तियां मिली हैं। उनका कहना है कि, मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। दो दिन पहले आयोजित एक जनसभा के दौरान चंदौसी निवासी कौशल किशोर ने जिला कार्यालय को पुरानी बावड़ी के बारे में बताया था। कौशल किशोर ने बांकेबिहारी मंदिर की बिगड़ती हालत पर भी बात की। उन्होंने दावा किया था कि पहले यहां हिन्दू समुदाय के लोग रहते थे और यहां एक बावड़ी थी।
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